-शीतांशु कुमार सहाय
निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपये नहीं लौटाने के मामले में गिरफ्तार सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत रॉय अगली सुनवाई तक पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे। कोर्ट ने बुधवार को अगली सुनवाई तक सुब्रत रॉय को पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पेशी के दौरान कोर्ट ने सुब्रत रॉय से पूछा कि पैसे लौटाने का क्या ठोस फॉर्म्यूला है आपके पास? कोर्ट ने कहा कि जिस दिन आप प्लान बताएंगे उसी दिन सुनवाई होगी। इसके साथ कोर्ट ने सहारा के 2 और निदेशकों को भी पुलिस कस्टडी में भेज दिया। हालांकि पेशी के दौरान सुब्रत रॉय के वकील राम जेठमलानी ने कोर्ट से पैसे लौटाने के लिए 2 महीने का वक्त मांगा। इससे पहले सुब्रत रॉय सहारा पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में काली स्याही फेंकी गई। यह घटना उस समय हुई जब वे पेशी के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जिस व्यक्ति ने सुब्रत रॉय पर स्याही फेंकी है, उसका नाम मनोज शर्मा है और वह ग्वालियर का रहने वाला है। उसने खुद को पेशे से वकील बताया। बताया जाता है कि घटना के बाद मनोज के साथ कुछ लोगों ने मारपीट भी की। पुलिस ने मनोज को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद कोर्ट परिसर का दरवाजा बंद कर दिया गया है और लोगों का आना-जाना सीमित कर दिया है। सुब्रत रॉय पर स्याही फेंकने के बाद मनोज ने अपनी शर्ट भी उतारकर फेंक दी। जब लोगों ने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने सुब्रत रॉय को चोर बताया और कहा कि उन्होंने गरीबों का पैसा खाया है। बताया जाता है मनोज निवेशकों के पैसे न लौटाए जाने से सुब्रत रॉय से नाराज था।
वीवीआईपी सुब्रत रॉय---
सुब्रत राय को पुलिस हिरासत में मंगलवार को लखनऊ से दिल्ली लाया गया था। वह वीवीआईपी की तरह पूरी शान से दिल्ली लाए गए। कोर्ट जाने से पहले पहले सुब्रत रॉय ने वकीलों से राय-विचार किया। उनके वकीलों की फौज में देश के सबसे महंगे वकीलों में शुमार रामजेठमलानी भी शामिल हैं। सुब्रत राय शुक्रवार से ही पुलिस हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा द्वारा निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के मामले पर सुनवाई की। इसी मामले में सुब्रत राय को शुक्रवार 28 फ़रवरी 2014 को हिरासत में लिया गया था।
3 करोड़ निवेशकों से ली 24 हजार करोड़---
निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनी नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का आरोप है कि सहारा समूह की दो कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने 2008 में 3 करोड़ निवेशक बॉन्ड धारकों से करीब 6,380 करोड़ रुपये और 19,400 करोड़ रुपए जुटाए। ये दोनों कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड नहीं हैं। लेकिन आरोप है कि इसमें कई तरह की अनियमितताएं की गईं। 2011 में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सहारा से निवेशकों को उनके पैसे ब्याज समेत लौटाने को कहा। लेकिन सहारा ने सेबी से कहा कि यह मामला उसकी पैराबैंकिंग गतविधि के दायरे में आता है, इसलिए इसमें सेबी की कोई भूमिका नहीं है। इस मामले में सहारा ने सेबी के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन वहां सहारा को कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में ही करीब के 24 हजार करोड़ रुपए 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया में सेबी को निगरानी करने के लिए कहा था। इसके लिए 30 नवंबर, 2012 तक का वक्त दिया गया था। लेकिन दिसंबर में सहारा समूह की अर्जी पर यह राशि तीन किश्तों में फरवरी, 2013 तक लौटाने की छूट दी गई। कोर्ट ने उस समय आदेश दिया था कि सहारा समूह 5,120 करोड़ रुपए तत्काल जमा करे और 10,000 करोड़ रुपए जनवरी, 2013 के पहले हफ्ते में और बाकी राशि फरवरी, 2013 के पहले सप्ताह में दे, लेकिन कंपनी ने बाकी की किश्तें जमा नहीं कराईं। सहारा की तरफ से सिर्फ 5,120 करोड़ रुपए जमा कराए गए। फरवरी, 2013 में सेबी ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी इन दोनों कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। सुब्रत रॉय और उनके समूह ने जब निवेशकों के पैसे नहीं लौटाए तो सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दोनों कंपनियों को वैल्यूएशन रिपोर्ट के साथ जायदाद की टाइटल डीड जमा करने के आदेश दिए। इसके लिए कोर्ट ने तीन हफ्तों का वक्त भी दिया था। लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी की मांग की है। सुब्रत रॉय ने अपनी 95 साल की मां की सेहत ठीक न होने को आधार बनाते हुए व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश न होने की छूट मांगी थी, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसी सिलसिले में बुधवार को सुब्रत रॉय की अदालत में पेशी थी, लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद ही अदालत ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया था। शुक्रवार 28 फ़रवरी 2014 को उनकी गिरफ्तारी हुई।
निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपये नहीं लौटाने के मामले में गिरफ्तार सहारा ग्रुप के मुखिया सुब्रत रॉय अगली सुनवाई तक पुलिस कस्टडी में ही रहेंगे। कोर्ट ने बुधवार को अगली सुनवाई तक सुब्रत रॉय को पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पेशी के दौरान कोर्ट ने सुब्रत रॉय से पूछा कि पैसे लौटाने का क्या ठोस फॉर्म्यूला है आपके पास? कोर्ट ने कहा कि जिस दिन आप प्लान बताएंगे उसी दिन सुनवाई होगी। इसके साथ कोर्ट ने सहारा के 2 और निदेशकों को भी पुलिस कस्टडी में भेज दिया। हालांकि पेशी के दौरान सुब्रत रॉय के वकील राम जेठमलानी ने कोर्ट से पैसे लौटाने के लिए 2 महीने का वक्त मांगा। इससे पहले सुब्रत रॉय सहारा पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में काली स्याही फेंकी गई। यह घटना उस समय हुई जब वे पेशी के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। जिस व्यक्ति ने सुब्रत रॉय पर स्याही फेंकी है, उसका नाम मनोज शर्मा है और वह ग्वालियर का रहने वाला है। उसने खुद को पेशे से वकील बताया। बताया जाता है कि घटना के बाद मनोज के साथ कुछ लोगों ने मारपीट भी की। पुलिस ने मनोज को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। घटना के बाद कोर्ट परिसर का दरवाजा बंद कर दिया गया है और लोगों का आना-जाना सीमित कर दिया है। सुब्रत रॉय पर स्याही फेंकने के बाद मनोज ने अपनी शर्ट भी उतारकर फेंक दी। जब लोगों ने उससे पूछा कि उसने ऐसा क्यों किया, तो उसने सुब्रत रॉय को चोर बताया और कहा कि उन्होंने गरीबों का पैसा खाया है। बताया जाता है मनोज निवेशकों के पैसे न लौटाए जाने से सुब्रत रॉय से नाराज था।
वीवीआईपी सुब्रत रॉय---
सुब्रत राय को पुलिस हिरासत में मंगलवार को लखनऊ से दिल्ली लाया गया था। वह वीवीआईपी की तरह पूरी शान से दिल्ली लाए गए। कोर्ट जाने से पहले पहले सुब्रत रॉय ने वकीलों से राय-विचार किया। उनके वकीलों की फौज में देश के सबसे महंगे वकीलों में शुमार रामजेठमलानी भी शामिल हैं। सुब्रत राय शुक्रवार से ही पुलिस हिरासत में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सहारा द्वारा निवेशकों के 20 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के मामले पर सुनवाई की। इसी मामले में सुब्रत राय को शुक्रवार 28 फ़रवरी 2014 को हिरासत में लिया गया था।
3 करोड़ निवेशकों से ली 24 हजार करोड़---
निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनी नियामक संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का आरोप है कि सहारा समूह की दो कंपनियों-सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा इंडिया हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ने 2008 में 3 करोड़ निवेशक बॉन्ड धारकों से करीब 6,380 करोड़ रुपये और 19,400 करोड़ रुपए जुटाए। ये दोनों कंपनियां शेयर मार्केट में लिस्टेड नहीं हैं। लेकिन आरोप है कि इसमें कई तरह की अनियमितताएं की गईं। 2011 में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सहारा से निवेशकों को उनके पैसे ब्याज समेत लौटाने को कहा। लेकिन सहारा ने सेबी से कहा कि यह मामला उसकी पैराबैंकिंग गतविधि के दायरे में आता है, इसलिए इसमें सेबी की कोई भूमिका नहीं है। इस मामले में सहारा ने सेबी के आदेश को कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन वहां सहारा को कोई राहत नहीं मिली। सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त, 2012 में ही करीब के 24 हजार करोड़ रुपए 15 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया में सेबी को निगरानी करने के लिए कहा था। इसके लिए 30 नवंबर, 2012 तक का वक्त दिया गया था। लेकिन दिसंबर में सहारा समूह की अर्जी पर यह राशि तीन किश्तों में फरवरी, 2013 तक लौटाने की छूट दी गई। कोर्ट ने उस समय आदेश दिया था कि सहारा समूह 5,120 करोड़ रुपए तत्काल जमा करे और 10,000 करोड़ रुपए जनवरी, 2013 के पहले हफ्ते में और बाकी राशि फरवरी, 2013 के पहले सप्ताह में दे, लेकिन कंपनी ने बाकी की किश्तें जमा नहीं कराईं। सहारा की तरफ से सिर्फ 5,120 करोड़ रुपए जमा कराए गए। फरवरी, 2013 में सेबी ने सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय और उनकी इन दोनों कंपनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने के आदेश जारी कर दिए। सुब्रत रॉय और उनके समूह ने जब निवेशकों के पैसे नहीं लौटाए तो सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की दोनों कंपनियों को वैल्यूएशन रिपोर्ट के साथ जायदाद की टाइटल डीड जमा करने के आदेश दिए। इसके लिए कोर्ट ने तीन हफ्तों का वक्त भी दिया था। लेकिन इन सबके बावजूद अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पूरी तरह से पालन नहीं किया गया है। सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील में सुब्रत रॉय की गिरफ्तारी की मांग की है। सुब्रत रॉय ने अपनी 95 साल की मां की सेहत ठीक न होने को आधार बनाते हुए व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश न होने की छूट मांगी थी, जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया था। इसी सिलसिले में बुधवार को सुब्रत रॉय की अदालत में पेशी थी, लेकिन वह नहीं आए। इसके बाद ही अदालत ने गैर जमानती वॉरंट जारी किया था। शुक्रवार 28 फ़रवरी 2014 को उनकी गिरफ्तारी हुई।
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