-शीतांशु कुमार सहाय
लोकसभा चुनाव में जनता दल (युनाइटेड) के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने शनिवार शाम 3.30 बजे राजभवन जाकर राज्यपाल डीवाई पाटील को अपना इस्तीफा सौंप दिया। नीतीश ने साफ किया कि उन्होंने राज्यपाल से बिहार विधानसभा को भंग करने की सिफारिश नहीं की है। इस्तीफे के बाद नीतीश ने कहा, ''मैं चुनाव में हार की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं और मैंने नैतिकता और सिद्दांत के आधार पर अपना इस्तीफा दिया है। चुनाव अभियान में नीतियों पर बात कम हो रही थी और आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा हो रहे थे। इस तरह का चुनाव मैंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी नहीं देखा था। हम मर्यादा बनाए रखते हुए जनता के पास गए, लेकिन मुझे अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, इसलिए इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैंने मुख्यमंत्री के पद से त्यागपत्र दे दिया है। मैंने विधानसभा को भंग करने की सिफारिश नहीं की है और वैकल्पिक सरकार का विकल्प खुला है। इस दौरान नीतीश ने बीजेपी से अलग होने के फैसले को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि चुनाव परिणाम का उससे कोई लेना-देना नहीं है।'' गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने से नाराज होकर जेडीयू ने एनडीए से अपना 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। हालांकि जेडीयू को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा और लोकसभा चुनावों में जेडीयू की करारी हार हुई।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार को बधाई---
नीतीश कुमार ने ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम जनमत का सम्मान करते हैं। नीतीश ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार को बधाई देते हुए कहा, ''जनादेश का सम्मान होना चाहिए। जनादेश के अंतिम परिणाम में किसी तरह का भ्रम नहीं है। चुनाव के दौरान युवा पीढ़ी को जो सपने दिखाए गए हैं, हम उम्मीद करेंगे कि वे सारे सपने पूरे होंगे और अच्छे दिन आएंगे। हम अपने स्तर पर अपने काम को आगे बढ़ाएंगे। नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली अगली सरकार को मेरी पूरी शुभकामनाएँ हैं।
चुनाव के नतीजे का विश्लेषण बाद में---
नीतीश ने कहा, ''ये जो चुनाव के नतीजे हैं, इसका विश्लेषण विस्तृत तौर पर बाद में किया जाएगा। हमलोग इस पर अपनी पार्टी में चर्चा करेंगे।''
नैतिकता या नाटक---
जनता दल (युनाइटेड) नेता अली अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा देकर नैतिकता का एक उच्च मापदंड स्थापित किया है। उन्होंने कहा, 'हमने राज्य की सेवा की, फिर भी हमें नंबर नहीं मिला तो हमें लगा कि अब फ्रेश मेंडेट लेना चाहिए।' वहीं, बिहार बीजेपी के प्रभारी धर्मेद्र प्रधान ने कहा कि नीतीश कुमार के अंदर नैतिकता नहीं बची है, वह नाटक कर रहे हैं।
भाजपा ने कहा---
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता नलिन कोहली ने कहा कि बीजेपी किसी भी परिस्थिति के लिए राजनीतिक रूप से तैयार है। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने जेडी(यू) से अपना नाता नहीं तोड़ा था, बल्कि जेडी(यू) ने बीजेपी से अलग होने का फैसला किया था। बिहार बीजेपी के नेता सीपी ठाकुर ने कहा, ''नीतीश मोदी का विरोध कर रहे थे और मोदी इतनी बड़ी जीत के साथ पीएम बनने जा रहे है, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया होगा। उन्हें लगा होगा कि हम गलत कर रहे थे, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया होगा।''
काँग्रेस की प्रतिक्रिया---
काँग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि जनता ने जब उनका (नीतीश) साथ नहीं दिया तो जनता के फैसले का सम्मान करते हुए मॉरल ग्राउंड पर उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया। वहीं, आरजेडी नेता राजनीति प्रसाद ने इस्तीफे को नीतीश का पॉलिटिकल स्टंट बताया। उन्होंने कहा, 'इस्तीफा देना नैतिक जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि उन्हें पता है कि हमारी सरकार जाने वाली है, इसलिए उन्होंने खत्म कर दिया। उनकी सरकार कांग्रेस के समर्थन से चल रही थी। उन्हें पता था कि अगर इस्तीफा नही देंगे, तब भी सरकार जाने वाली है। नीतीश कुमार ने खुद हीरो बनने के लिए इस्तीफा दिया है।''
महज 2 सीटें मिली---
गौरतलब है कि नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) को लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में से महज 2 सीटें मिली थीं। बिहार विधानसभा में अभी नीतीश कुमार के 114 विधायक हैं, जबकि बहुमत के लिए 122 का आंकड़ा जरूरी है। इसके साथ ही नीतीश को इस बात का भी डर था कि उनके विधायक कई बीजेपी के साथ जा सकते हैं। गौरतलब है कि जेडी(यू) में कई लोग भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ने के खिलाफ थे।
शरद यादव की प्रतिक्रिया---
हाल ही में पार्टी अध्यक्ष शरद यादव और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के बयान से भी यह साफ दिखा। शरद यादव ने नीतीश पर जाति की राजनीति करने का भी आरोप लगाया था। शरद यादव एनडीए गठबंधन से नाराज चल रहे थे। इससे पहले शरद यादव ने जनता से माफी मांगते हुए कहा था कि मैं बिहार की बदहाली के लिए जिम्मेवार हूँ, क्योंकि मैंने पहले लालू और फिर नीतीश को सत्ता सौंपने में मदद की। खास बात यह है कि जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव मधेपुरा से लोकसभा चुनाव हार चुके हैं।
रामविलास पासवान की भविष्यवाणी सच---
इससे पहले आज रामविलास पासवान ने लोकसभा चुनाव में मिली अप्रत्याशित जीत पर कहा था कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर तक चुनाव हो सकते हैं। इसके बाद ही नीतीश ने इस्तीफा देने का फैसला लिया। पासवान ने कहा था कि आने वाले दिनों में बिहार को नया जनादेश देना पड़ सकता है। लोजपा नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं से विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर देने के लिए कहा है। साथ ही पासवान ने कहा कि वह अब एनडीए गठबंधन से बाहर नहीं जाएंगे। लोकसभा चुनाव में जद-यू की करारी शिकस्त पर प्रतिक्रिया देते हुए पासवान ने कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनादेश खो चुके हैं और उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ेगी।
इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा :-
* भाजपा से अलग होने का फैसला सैद्धांतिक था।
* वैकल्पिक सरकार बनाने का रास्ता खुला हुआ है।
* कल विधायक दल अपना नया नेता चुनेगा।
* बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है।
* अच्छे दिन आ गए हैं, लोग स्वागत करेंगे।
* भावुक होकर नहीं लिया इस्तीफे का फैसला।
* सीएम पद और मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है।
* कल चार बजे जेडीयू विधायक दल की बैठक।
* बिहार विधानसभा भंग करने की सिफारिश नहीं की है।
* नई सरकार ने जो सपने दिखाए, वो पूरा करें।
* चुनाव में सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण हुआ।
* चु्नाव में मुद्दों और नीतियों पर बात नहीं हुई।
* इस तरह का चुनाव लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं।
* हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा।
* चुनाव के दौरान सारी मर्यादाओं का पालन किया।
* मैं जनादेश का सम्मान करता हूं।
* चुनाव में आरोप प्रत्यारोप ज्यादा हुए।
* चुनाव परिणाम की जिम्मेदारी लेता हूं।
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