हनुमान जी के भक्तों के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन करने से हनुमान जी की पूजा बिना त्रुटि के होती है और इच्छित मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। सबसे पहली बात साधक को यह ध्यान रखनी चाहिए कि तन और मन की पवित्रता बनी रहे। साधना काल में एक चीज बेहद अनिवार्य है। यह है बह्मचर्य का पालन। जैसा कि विदित है कि स्वयं हनुमान जी ब्रह्मचारी रहे, इसलिए साधक का भी पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना चाहिए। सिंदूर तिल के तेल में मिलाकर चढ़ाएं। सिंदूर के अलावा घिसा हुआ लाल चंदन केसर के साथ लगाना चाहिए। हनुमान जी को कमल, गेंदे और सूर्यमुखी के फूल अर्पित करने चाहिए। ये फूल लाल या पीलें हों तो अति उत्तम।
अगर आप दिन के समय पूजा कर रहे हैं, तो नारियल का गोला, गुड़, रोटी का चूरमा, लड्डू या फिर मोटा रोट चढ़ाना चाहिए। रात के समय केला, आम या अमरूद का फल चढ़ाना चाहिए। पूजा करते समय हनुमान की की तस्वीर या प्रतिमा के नेत्रों की ओर देखते हुए मंत्र जाप करना चाहिए। साधना के समय हनुमान जी के रूप का ध्यान मन में करें। ध्यान इस तरह लगाएं कि नेत्र बंद कर लेने के बाद भी हनुमान का विग्रह ही नजर आए। हनुमान जी की भक्ति के लिए मंगलवार को श्रेष्ठ दिन माना गया है। हालांकि शनिवार को भी पूजा-उपासना की जा सकती है। हनुमान जी की पूजा के लिए लाई गई सामग्री शुद्ध एवं बिना काम में ली हुई होनी चाहिए। सामग्री भले ही ज्यादा ना हो, लेकिन जो भी अर्पित करें वह शुद्ध और ताजा हो।
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