प्रस्तुति: शीतांशु कुमार सहाय
1. मुद्रा क्या है?
मुद्रा यानी माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लि. सूक्ष्म इकाइयों के विकास तथा पुनर्वित्तपोषण से संबंधित गतिविधियों हेतु भारत सरकार द्वारा गठित एक नयी संस्था है। इसकी घोषणा माननीय वित्त मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2016 का बजट पेश करते हुए की थी। मुद्रा का उद्देश्य गैर निगमित लघु व्यवसाय क्षेत्र को निधिपोषण उपलब्ध कराना है।
2. मुद्रा का गठन किसलिए किया गया है?
गैर-निगमित लघु व्यवसाय क्षेत्र (एनसीएसबीएस) में उद्यमिता के विकास की सब से बड़ी बाधा है क्षेत्र को वित्तीय सहायता का उपलब्ध न होना। इस क्षेत्र के अधिकतर हिस्से को औपचारिक स्रोतों से वित्त उपलब्ध नहीं हो पाता। भारत सरकार एक सांविधिक अधिनियमन के अंतर्गत मुद्रा बैंक की स्थापना कर रही है, ताकि एनसीएसबीएस घटक अथवा अनौपचारिक क्षेत्र की आवश्यकताओं की पूर्ति की जा सके और उन्हें मुख्य धारा में लाया जा सके। प्रारम्भ में इसे सिडबी की सहायक संस्था के रूप में स्थापित किया जा रहा है।
3. मुद्रा की भूमिका तथा दायित्व क्या होंगे?
मुद्रा अंतिम छोर पर स्थित उन सभी वित्तपोषकों, जैसे लघु व्यवसायों के वित्तपोषण में संलग्न विभिन्न प्रकार की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, समितियों, न्यासों, धारा 8 (पूर्ववर्ती धारा 25) की कंपनियों, सहकारी समितियों, छोटे बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पुनर्वित्त उपलब्ध कराने के लिए उत्तरदायी होगा, जो विनिर्माण, व्यापार तथा सेवा- गतिविधियों में लगी सूक्ष्म/लघु व्यवसाय इकाइयों को ऋण प्रदान करते हैं। यह बैंक राज्य/क्षेत्रीय स्तर के मध्यवर्ती समन्वयकों के साथ भागीदारी करेगा, ताकि लघु/सूक्ष्म व्यवसाय उद्यमों के अंतिम छोर पर स्थित वित्तपोषकों को वित्त उपलब्ध कराया जा सके।
4. मुद्रा क्या क्या सुविधाएं उपलब्ध कराएगा? मुद्रा कैसे कार्य करेगा?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तत्वावधान में, मुद्रा ने पहले से ही अपने प्रारंभिक उत्पाद/ योजनाएं तैयार कर ली हैं। इन पहलकदमियों को 'शिशु', 'किशोर' तथा 'तरुण' नाम दिए गए हैं, जो वृद्धि/विकास के चरण और लाभग्राही सूक्ष्म इकाई /उद्यमी की निधिक आवश्यकताओं के द्योतक हैं। साथ ही वे विकास/वृद्धि के अगले चरण का भी बोध करता हैं। इनकी सीमाएं निम्नवत हैं-
a. शिशु : 50,000/- तक के ऋण हेतु
b. किशोर : 50,000/- से अधिक तथा 5 लाख तक के ऋण हेतु
c. तरुण : 5 लाख से 10 लाख तक के ऋण हेतु
मुद्रा राज्य / क्षेत्रीय स्तर की मध्यवर्ती संस्थाओं के माध्यम से एक पुनर्वित्त संस्था के रूप में काम करेगा। मुद्रा की ऋण-प्रदायगी प्रणाली इस प्रकार परिकल्पित है, जिसमें अन्य मध्यवर्ती संस्थाओं जैसे बैंकों, प्राथमिक ऋणदात्री संस्थाओं आदि के साथ-साथ, मुख्यतया गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों/ अल्प वित्त संस्थाओं के जरिए पुनर्वित्त प्रदान किया जाएगा।
साथ ही, ज़मीनी स्तर पर वितरण चैनल का विकास तथा विस्तार करने की भी आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में, कंपनियों, न्यासों, समितियों, संघों तथा अन्य नेटवर्कों के रूप में पहले से ही बड़ी संख्या में अंतिम छोर के वित्तपोषक मौजूद हैं, जो लघु व्यवसायों को अनौपचारिक वित्त उपलब्ध करा रहे हैं।
5. मुद्रा के लक्ष्य ग्राहक कौन हैं / किस प्रकार के उधारकर्ता मुद्रा से सहायता पाने के पात्र हैं?
ग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में स्थित गैर निगमित लघु व्यवसाय घटक (एनसीएसबीएस), जिनमें ऐसी लाखों प्रोप्राइटरशिप/पार्टनरशिप फर्में शामिल हैं, जो लघु विनिर्माण इकाइयाँ, सेवा क्षेत्र की इकाइयाँ, दुकानदार, फल/सब्जी विक्रेता, ट्रक परिचालक, खाद्य-सेवा इकाइयां, मरम्मत की दुकानें, मशीन परिचालन, लघु उद्योग, दस्तकार, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां तथा व्यवसाय चलाते हैं।
6. क्या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) मुद्रा से सहायता हेतु पात्र हैं?
जी हाँ, मुद्रा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को उनकी तरलता बढ़ाने के लिए पुनर्वित्त सहायता उपलब्ध कराएगा।
7. मुद्रा द्वारा प्रभारित की जाने वाली ब्याज दर क्या है?
मुद्रा एक पुनर्वित्त संस्था होगी, जो अंतिम छोर के वित्तपोषकों को निधियां उपलब्ध कराएगी, ताकि वे इस क्षेत्र को वित्तपोषण उपलब्ध करा सकें। ग्राहक के लिए मुद्रा की सबसे अनूठी मूल्यवत्तापूर्ण अवधारणा होने जा रही है - उचित मूल्य पर वित्त तक आसान पहुँच। अंतिम ऋणकर्ता के लिए निधि की लागत को कम करने हेतु मुद्रा वित्तीयन के कई प्रकार के नवोन्मेषी उपाय करेगा।
8. मेरा कागज़ के सामान का एक छोटा सा व्यवसाय है. क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?
हाँ। मुद्रा 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत 50,000 तक के छोटे ऋण उपलब्ध कराएगा तथा 'किशोर' श्रेणी के अंतर्गत 50,000 से अधिक और 5 लाख तक के ऋण उपलब्ध कराएगा। ये उत्पाद उद्यम-जगत के निचले सिरे पर परिचालनरत ग्राहकों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु बनाए गए हैं। ये ऋण अल्प वित्त संस्थाओं, एनबीएफसी, बैंकों, आदि के माध्यम से उपलब्ध कराए जाएंगे।
9. मैंने हाल ही में स्नातक की परीक्षा पास की है। मैं अपना स्वयं का व्यवसाय आरंभ करना चाहता हूँ। क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?
मुद्रा 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत 50,000 तक के छोटे ऋण तथा 'किशोर' श्रेणी के अंतर्गत 50,000 से अधिक और 5 लाख तक के ऋण उपलब्ध कराता है। 'तरुण' श्रेणी के अंतर्गत यह 5 लाख से अधिक और 10 लाख तक के ऋण भी उपलब्ध कराता है। आपकी व्यवसाय परियोजना की प्रकृति के अनुसार आप मुद्रा की किसी भी मध्यवर्ती संस्था से मानदंडों के अनुरूप वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
10. मेरे पास खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा है। मैं अपनी स्वयं की इकाई आरंभ करना चाहता हूँ। कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।
खाद्य प्रसंस्करण मुद्रा की योजनाओं के अंतर्गत सहायता हेतु पात्र गतिविधि है। आप अपनी आवश्यकतानुसार मुद्रा की योजनाओं के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकते हैं ।
11. मैं ज़री के काम में दक्ष एक दस्तकार हूँ। मैं दूसरों के लिए जॉब वर्क करने के बजाय अपना स्वयं का काम शुरू करना चाहता हूँ। क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?
आप अपने उद्यम की स्थापना हेतु अपने क्षेत्र में कार्यरत किसी भी अल्प वित्त संस्था के माध्यम से मुद्रा की अल्प ऋण योजना की 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
12. मैंने फैशन डिजाइनिंग का कोर्स किया है। मैं अपना बुटीक खोलना चाहती हूँ तथा अपना खुद का ब्रांड विकसित करना चाहती हूँ। मुद्रा मेरी क्या सहायता कर सकता है?
मुद्रा महिला उद्यमियों हेतु 'महिला उद्यम निधि' नामक एक विशेष योजना संचालित करता है। इस योजना के अंतर्गत सभी तीन श्रेणियों यानी ‘शिशु’, ‘किशोर’ एवं ‘तरुण’ के अंतर्गत सहायता प्रदान की जाएगी।
13. मैं फ्रैन्चाइजी मॉडल पर काम करना चाहता हूँ और अपना एक आइसक्रीम पार्लर खोलना चाहता हूँ। क्या मुद्रा मेरी सहायता कर सकता है?
मुद्रा “व्यवसायियों तथा दुकानदारों हेतु व्यवसाय ऋण” नामक एक विशेष योजना संचालित करता है। आप इस योजना के अंतर्गत अपनी आवश्यकतानुसार सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं।
14. मेरा पॉटरी का व्यवसाय है। मैं और अधिक वरायटी और डिज़ाइनें शामिल करके इसका विस्तार करना चाहता हूँ। मुझे मुद्रा से क्या सहायता मिल सकती है?
आप अपने उद्यम की स्थापना हेतु अपने क्षेत्र में कार्यरत किसी भी अल्प वित्त संस्था के माध्यम से मुद्रा की अल्प ऋण योजना की 'शिशु' श्रेणी के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
15. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का दायरा क्या है? इसके अंतर्गत किस-किस प्रकार के ऋण उपलब्ध हैं? कौन-सी एजेंसियाँ ऋण प्रदान करेंगी?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों जैसे पीएसयू बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और सहकारी बैंकों, निजी क्षेत्र के बैंकों, विदेशी बैंकों, अल्प वित्त संस्थाओं तथा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के माध्यम से उपलब्ध होगी। 08 अप्रैल 2015 के बाद से गैर-कृषि क्षेत्र में आय-अर्जक गतिविधियों के लिए प्रदान किए गए 10 लाख तक के सभी ऋणों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में समाहित माना जाएगा।
16. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के कार्यान्वयन की निगरानी कौन करेगा?
राज्य स्तर पर प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की निगरानी राज्यस्तरीय बैंकर समिति के ज़रिए और राष्ट्रीय स्तर पर मुद्रा/ वित्तीय सेवाएं विभाग, भारत सरकार द्वारा की जाएगी। इस उद्देश्य हेतु मुद्रा ने एक पोर्टल विकसित किया है, जिसमें बैंक तथा अन्य ऋणदात्री संस्थाएं सीधे अपनी उपलब्धि के विवरण भरेंगी। इसे सिस्टम द्वारा समेकित किया जाता है और समीक्षा के लिए रिपोर्टें जनरेट की जाती हैं।
17. क्या केन्द्र/ राज्य सरकार की कोई ऐसी योजना है, जो पूरे भारत पर लागू है और जिसमें बिना गारंटी के / गारंटर के बिना ऋण दिया जाता है?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) भारत सरकार की योजना है, जो छोटे उधारकर्ताओं को गैर-कृषि, आय-अर्जक गतिविधियों के लिए बैंकों, अल्प वित्त संस्थाओं, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से 10 लाख तक के ऋण लेने की सुविधा देती है। आम तौर पर, बैंकों द्वारा सूक्ष्म/ लघु उद्यमों को 10 लाख तक के ऋण बिना किसी संपार्श्विक प्रतिभूति के जारी किए जाते हैं।
18. क्या स्कूल खोलना, बढ़ईगिरी और आरओ वॉटर प्लाण्ट इन्स्टालेशन ऋण के लिए पात्र हैं? यदि हाँ, तो ऋण की अधिकतम और न्यूनतम राशि क्या है?
बढ़ईगिरी, व्यावसायिक स्तर के आरओ वॉटर प्लाण्ट इन्स्टालेशन और शैक्षिक संस्थान मुद्रा ऋण के अन्तर्गत पात्र गतिविधियाँ हैं, बशर्ते ऋण राशि रु. 10 लाख से कम हो। मुद्रा ऋण की प्राथमिक शर्त यह है कि वह विनिर्माण, प्रसंस्करण, व्यापार और सेवा क्षेत्र की आय-अर्जक गतिविधि के लिए होना चाहिए तथा ऋण राशि रु. 10 लाख से कम होनी चाहिए।
19. मुद्रा ऋण लेने के लिए व्यक्तियों की पात्रता क्या है?
भारत का कोई भी नागरिक जिसकी गैर-कृषि क्षेत्र की आय-अर्जक गतिविधि जैसे विनिर्माण, प्रसंस्करण, व्यापार अथवा सेवा क्षेत्र के वाली व्यवसाय योजना हो और जिसकी ऋण-आवश्यकता रु. 10 लाख से कम हो, वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अन्तर्गत मुद्रा ऋण प्राप्त करने के लिए किसी बैंक, अल्प वित्त संस्था अथवा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी से संपर्क कर सकता है। पीएमएमवाई के अन्तर्गत ऋण लेने के लिए ऋणदात्री एजेंसी के सामान्य निबंधनों व शर्तों का पालन करना प़ड़ सकता है। उधार-दरें भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशानुसार होती हैं।
20. क्या प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के अन्तर्गत कोई सब्सिडी है? यदि हाँ तो उसके ब्यौरे दें।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत दिए जानेवाले ऋणों के लिए कोई सब्सिडी नहीं है। यदि ऋण-प्रस्ताव सरकार की किसी ऐसी योजना से संबद्ध हो, जिसमें सरकार पूँजी सब्सिडी प्रदान करती है, तब भी वह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत पात्र होगा।
21. कृपया मुद्रा का संक्षिप्त परिचय दें।
मुद्रा का पूरा नाम है- माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनैन्स एजेंसी लि.। यह एक पुनर्वित्त एजेंसी है न कि प्रत्यक्ष ऋण देने वाली संस्था। मुद्रा अपनी ऐसी मध्यवर्ती संस्थाओं जैसे- बैंकों/अल्प वित्त सस्थाओं/ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को पुनर्वित्त प्रदान करता है, जो गैर कृषि क्षेत्र में विनिर्माण, व्यापार तथा सेवा क्षेत्र की आय-अर्जक गतिविधियों को उधार देने का व्यवसाय करती हैं और जो पुनर्वित्त पाने के पश्चात् लाभग्राहियों का वित्तपोषण करेंगी।
22. क्या आप मुद्रा कार्ड के बारे में जानकारी दे सकते हैं?
मुद्रा कार्ड एक नवोन्मेषी ऋण उत्पाद है, जिसमें उधारकर्ता बिना किसी झंझट के और लचीले तरीके से उधार ले सकता है। यह उधारकर्ता को सीसी/ओडी के रूप में कार्यशील पूँजी की सुविधा प्रदान करेगा। चूंकि मुद्रा कार्ड रुपे डेबिट कार्ड होगा, इसलिए यह एटीएम से या बिजनेस करेस्पॉण्डेंट से नकद राशि निकालने अथवा विक्रय-बिन्दु मशीन इस्तेमाल करके खरीद करने में इस्तेमाल हो सकता है। जब कभी धन की बचत हुई हो तब राशि लौटाने की सुविधा भी है, ताकि ब्याज का बोझ कम हो सके।
(http://www.mudra.org.in)