मंगलवार, 2 नवंबर 2021

धनतेरस और प्रदोष व्रत एक ही दिन, जानिये शुभ मुहूर्त Dhanteras 2021

 


धनतेरस की शुभकामना!

   सनातन हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्त्व है। प्रदोष व्रत में आदिदेव भगवान शंकर और माता पार्वती की आराधना की जाती है।

भक्ति भाव के साथ प्रदोष व्रत रखने वालों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और मनोकामना पूरी होती है। 

प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। यह महीने में दो बार होता है-- पहला प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में आता है।

कार्तिक महीने को शास्त्रों में बेहद शुभ माना जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है।

इस साल धनतेरस आज यानी २ नवम्बर, मंगलवार को है। मंगलवार को पड़नेवाले प्रदोष व्रत को 'भौम प्रदोष व्रत' कहा जाता है। त्रयोदशी तिथि में धनतेरस और प्रदोष व्रत होने के कारण हर वर्ष ये एक ही दिन पड़ते हैं।

भौम प्रदोष व्रत तिथि २ नवम्बर २०२१ को दोपहर ०२ बजकर ०१ मिनट से प्रारम्भ होगी, जो कि ३ नवम्बर को दोपहर ०१ बजकर ३२ मिनट पर समाप्त होगी। 

आज धनतेरस के दिन भौम प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ समय शाम ०६ बजकर ४२ मिनट से रात ०८ बजकर ४९ मिनट तक है। कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि के दिन सूर्योदय से पुष्कर व सिद्ध योग रहेगा। 

इस सुअवसर पर 'प्रदोष व्रत कथा' को पूरे मनोयोग से पढ़ना अथवा सुनना चाहिये। नीचे के लिंक पर क्लिक करें और आप भी सपरिवार अवश्य सुनें प्रदीप व्रत कथा।

प्रदोष व्रत कथा इस लिंक पर क्लिक कर सुनिये...

    https://youtu.be/1nVsGtHS-ug

कोई टिप्पणी नहीं: