-शीतांशु कुमार सहाय
सरकार बनाने पर जनता से रायशुमारी---
देश की राजनीति में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पार्टी से समर्थन लेकर सरकार बनाने के मुद्दे पर रायशुमारी हुई हो। आप नेता मनीष सिसौदिया ने 23 दिसम्बर 2013 को बताया कि आप पार्टी ने पिछले एक हफ्ते से लोगों से सरकार बनाने पर राय ली। कुल 5 लाख 23 हजार लोगों ने एसएमएस, फोन कॉल्स और इंटरनेट के जरिए अपनी राय दी। इनमें से 74 प्रतिशत लोगों ने कहा कि आप को सरकार बनानी चाहिए। दिल्ली में कुल 274 जनसभा हुई और 257 जगह लोगों ने कहा कि सरकार बनानी चाहिए। रविवार 22 दिसम्बर 2013 को आम आदमी पार्टी की रायशुमारी का आखिरी दिन था। आप के नेता अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में चार जगहों पर जनसभाएं की। वो जहां भी लोगों की भीड़ जुटी। जनता ने रायशुमारी में उनका साथ दिया। इन जनसभाओं में बड़ी तादाद ऐसे लोगों की थी जिनका मानना है कि आम आदमी पार्टी को सरकार बनानी चाहिए। भले ही वो कांग्रेस के समर्थन से ही क्यों ना हो। आम आदमी पार्टी ने अपने घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए थे। जनता चाहती है कि आम आदमी पार्टी अब सरकार बनाकर इन वादों को पूरा करे। आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में सरकार बनाने का फैसला लिया है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसके लिए उप-राज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। मनीष सिसौदिया ने कहा कि विधायक दल ने केजरीवाल को अपना नेता चुना है और वही मुख्यमंत्री बनेंगे।
128 जनसभाओं के आकड़े---
आम आदमी पार्टी ने अब तक कुल 128 जनसभाओं के आकड़ों की जानकारी दी है। उनका कहना है कि 128 जनसभाओं में से 110 में जनता ने कहा कि आम आदमी पार्टी अपनी सरकार बनाए जबकि 18 जनसभा में जनता की राय दोबारा चुनाव लड़ने की थी। यहां की जनता को भरोसा था कि दोबारा चुनाव हुए तो आम आदमी पार्टी बहुमत से सरकार बनाएगी। ये लोग कांग्रेस से समर्थन लेने के खिलाफ थे लेकिन अरविंद को फैसला बहुमत के आधार पर लेना है। ज्यादातर जनता को उम्मीद यही है कि जब आम आदमी पार्टी सत्ता में आएगी तो वो भ्रष्टाचार कम करेगी, उस महंगाई से राहत मिलेगी। आम आदमी पार्टी ने एसएमएस और फोन कॉल के जरिए भी लोगों की राय मांगी। इसके अलावा पार्टी की वेबसाइट पर भी लोगों से राय मांगी गई। आम आदमी पार्टी का दावा है कि उसे सात लाख से ज्यादा लोगों के जवाब मिले हैं। ज्यादातर चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी सरकार बनाए।
12 चुनौतियाँ---
आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में ऐसे वादे किए हैं जिन्हें पूरा कर पाना उसके लिए चुनौती साबित होगी। इनमें से 12 वादे हैं---
1-भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सत्ता में आने के 15 दिन के भीतर जन लोकपाल विधेयक पारित। इसके दायरे में सभी कर्मचारी होंगे।
2-करीब 3,000 मोहल्ला सभाओं की स्थापना की जाएगी। जहां लोग तय करेंगे कि उनको अपने इलाके में क्या चाहिए -पार्क, स्ट्रीट लाइट, अस्पताल या और कुछ।
3-सरकारी काम के लिए पैसे का भुगतान केवल मुहल्ला सभाओं के काम के संतुष्ट होने के बाद किया जाएगा।
4-बिजली का बिल आधा किया जाएगा और निजी वितरण कंपनियों का आडिट होगा। बढ़ा हुआ बिल सुधारा जाएगा और यदि बिजली वितरण कंपनियां सहयोग नहीं करेंगी तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
5-दो लाख सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे।
6-जो परिवार महीने में 700 लीटर पानी खर्च करेंगे उनसे कोई बिल नहीं वसूला जाएगा। जिन घरेलू उपभोक्ताओं को नवंबर 2013 तक अधिक बिल मिला है उनका भुगतान करने की जरूरत नहीं है।
7-दिल्ली पुलिस, दिल्ली विकास प्राधिकरण और नगर निगमों को दिल्ली सरकार के अधिकार के दायरे में लाया जाएगा।
8-अल्पसंख्यकों का संरक्षण होगा और फर्जी एनकाउंटर तथा मुस्लिम युवाओं के खिलाफ फर्जी मामले बंद होंगे।
9-कोई भी सरकारी अधिकारी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त पाया गया तो उसे बर्खास्त किया जाएगा, उसे जेल भेजा जाएगा और उसकी संपत्ति जब्त होगी।
10-अशोक खेमका और दुर्गाशक्ति नागपाल जैसे ईमानदार अधिकारियों को प्रोत्साहित और संरक्षित किया जाएगा।
11-हर वार्ड में नागरिक सुरक्षा बल बनाया जाएगा जो संकट में फंसे हर व्यक्ति की मदद करेगा।
12-अगर दिल्ली सरकार वादी होगी तो न्यायालय में कोई भी मामला स्थगित नहीं किया जाएगा।
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