-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
अभ्युदय- यही नाम है मेरे पुत्र का। उसने छः फरवरी सन् 2011 ईश्वी को जन्म लिया। आज अर्थात् छः फरवरी 2014 को उसने जीवन के तीन वर्ष पूरे कर लिये। उसे लेकर पत्नी रीना के साथ मैं झारखण्ड के देवघर जिलास्थित वैद्यनाथधाम में दर्शन-पूजन के लिए गया। भीड़ अधिक थी मगर पण्डों व आरक्षी जवानों ने भक्तों को पंक्तिबद्ध होकर अन्दर जाने की व्यवस्था कर रखी थी, इस कारण सुगमता से भक्तगण दर्शन-पूजन कर पा रहे थे। पर, गर्भगृह में कुछ ऐसे भक्त भी थे जो बैठकर आराम से ज्योतिर्लिंग का स्पर्श कर पूजन करने की होड़ में दूसरों को कष्ट पहुँचा रहे थे।
गर्भगृह में मेरे आगे की एक महिला भक्त ने एक अन्य महिला भक्त से यह कहते हुए जोरदार धक्का दिया कि उसने उसके बच्चे पर अत्यधिक शारीरिक दबाव दिया है। बीच में तो पंक्तिबद्ध होकर लोग आ रहे थे पर कई भक्त गर्भगृह में से निकलने का नाम नहीं ले रहे थे, वहीं धक्का-मुक्की कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि वे भगवान शिव से अतिरिक्त आशीर्वाद लेने के फेर में हैं। तब एक आरक्षी जवान ने वैसे लोगों को बाहर कर दिया। इस प्रकरण से पूर्व ही रीना और अभ्युदय पूजन कर बाहर चले गये। बाद में मैं बाहर आया तो जो छायाचित्र बनवाया, यहाँ आपको दिखा रहा हूँ। अपने चौथे जन्मदिवस पर अभ्युदय ने भगवान आशुतोष का आशीर्वाद प्राप्त किया।
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