-शीतांशु कुमार सहाय / Sheetanshu Kumar Sahay
विकास के लिए 10 वर्षों का समय कम नहीं होता है। यह एक मुकाम प्राप्त करने के लिए दीर्घावधि है। तभी तो 10 वर्षों का अपना फेसबुक करीब सवा अरब लोगों तक पहुँच चुका है। वैसे भारत की वर्तमान केन्द्र सरकार विकास के बाबत 10 वर्ष को पर्याप्त समय नहीं मानती। मनमोहन सिंह के नेतृत्व में काँग्रेस की अगुवाई वाले गठबन्धन की सरकार 10 वर्षों से सत्ता पर काबिज है मगर देश का विकास कहाँ है, यह आपको पता ही है। .....तो छोड़िये इन बातों को, मौका तो लोकसभा चुनाव में मिलेगा ही। फिलहाल 11वें वर्षगाँठ पर फेसबुक को बधाई दीजिये। मैं तो इसकी सफलता की कामना तह-ए-दिल से करता हूँ। दुनियाभर में फैले अपने 1.2 अरब चाहने वालों के बीच सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक अपना 10वां जन्मदिन मना रहा है। 10 साल के फेसबुक को इस समय अपने युवा इस्तेमालकर्ताओं को अपने साथ जोड़े रखने के लिए विभिन्न प्रकार के नए प्रयोग करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मार्क जुकरबर्ग ने हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी से 4 फरवरी 2004 को फेसबुक की शुरुआत की थी। इस साइट का प्रारूप इस प्रकार डिजाइन किया गया था कि यह छात्रों को एक-दूसरे से जोड़े और उन्हें ऑनलाइन अपनी एक पहचान कायम करने में मदद करे। कम्प्यूटर वर्ल्ड ने यह रिपोर्ट दी है।कंपनी द्वारा हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि सोशल नेटवर्किंग साइट ने पिछले 10 सालों में अपना काफी विस्तार किया है और प्रतिमाह 1.2 अरब लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। मई में 30 साल के होने जा रहे जुकरबर्ग ने पिछले सप्ताह सिलिकॉन वैली में एक औद्योगिक सम्मेलन में कंपनी के 10 साल पूरे होने पर विशेष भाषण दिया था। जुकरबर्ग ने कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि फेसबुक उन्हें दुनिया के सबसे धनी लोगों की पंक्ति में लाकर खड़ा कर देगा। फेसबुक को अब कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। सोशल नेटवर्किंग साइट पिनट्रेस्ट, टि्वटर और स्नैप चैट जैसी साइटों ने फेसबुक के लिए मुकाबला कड़ा कर दिया है और उसे अपने मूल युवा इस्तेमालकर्ताओं को बनाए रखने के लिए नए-नए उपाय सोचने पड़ रहे हैं। आईस्ट्रेटजीलैब की रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक ने जनवरी 2011 से 2014 के बीच 13 से 17 आयु वर्ग के 30 लाख यूजर गंवा दिए हैं।
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