गुरुवार, 26 जून 2014

नेशनल हेराल्ड घोटाला : सोनिया व राहुल ने हड़पे अरबों रुपये / NATIONAL HERALD SCAM


प्रस्तुति- शीतांशु कुमार सहाय
कांग्रेस द्वारा वित्तपोषित नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में दिल्ली की एक अदालत ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को समन जारी कर 7 अगस्त 2014 को पेश होने होने को कहा है। भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा दायर याचिका पर गुरुवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की अदालत ने सुनवाई करते हुए दोनों नेताओं को समन जारी किया। स्वामी ने याचिका में कांग्रेस पर नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्ति को एक नई निजी कंपनी बनाकर हथियाने का आरोप लगाया है। कोर्ट ने स्वामी की दलील सुनने के बाद सोनिया और राहुल को समन जारी कर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया। स्वामी ने याचिका में सोनिया और राहुल को मुख्य अभियुक्त और कंपनी के निदेशक कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नाडीज, सुमन दूबे व सैम पित्रोदा को सहअभियुक्त बनाया है। याचिका में स्वामी ने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने यंग इंडियन नामक एक कंपनी बनाकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड द्वारा संचालित नेशनल हेराल्ड अखबार को 90 करोड़ रुपये का बिना जमानत कर्ज देकर उसकी पांच हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को हथियाने की साजिश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है कि उसने एक कंपनी को लोन दिया था, लेकिन वह एक भावात्मक फैसला था, क्योकि नेशनल हेराल्ड की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। बहरहाल, पटियाला हाउस कोर्ट ने इसी मामले में सम्मन भेजा है। सोनिया और राहुल के साथ पांच अन्य के नाम भी सम्मन जारी किया गया है। महानगर दंडाधिकारी गोमती मानोचा ने सम्मन जारी करते हुए कहा कि मुझे सभी आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सबूत मिले हैं। अदालत उन्हें 7 अगस्त 2014 से पहले पेश होने के आदेश देती है। सुनवाई के बाद स्वामी ने कहा कि सोनिया-राहुल को केस का सामना करना होगा। अब दोनों के पासपोर्ट जब्त करने की मांग की जाएगी। मामले में 7 साल की जेल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकता है। स्वामी ने कहा, 'चूंकि हेरल्ड हाउस को केंद्र सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। मगर पासपोर्ट सेवा केंद्र का संचालन हेरल्ड हाउस से ही हो रहा है।'
नेशनल हेराल्ड का मामला---
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की स्थापना 1938 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने की थी। यह 2008 में बंद हो गया था। स्‍वामी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने सोनिया की कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड को बिना किसी जमानत के लोन दिया ताकि वे नेशनल हेराल्‍ड की होल्‍ड‍िंग वाली कंपनी असोसिएटेड जर्नल्‍स का अधिग्रहण कर सकें। स्‍वामी ने यह भी आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्‍ड की 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति को कांग्रेसी नेताओं ने फर्जी कागजात के माध्‍यम से हासिल कर लिया। स्‍वामी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सोनिया और राहुल के हस्‍ताक्षर उनके नेशनल हेराल्‍ड केस में शामिल होने की पुष्टि करते हैं। स्‍वामी ने कहा कि यह फ्रॉड और विश्‍वासघात का मामला है और सोनिया-राहुल को 7 साल से लेकर उम्रकैद की सजा हो सकती है।
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी के सवाल---
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग कर रहा है। इनमें दिल्ली का हेराल्ड हाउस और अन्य संपत्तियां शामिल हैं। वे इस आरोप को लेकर 2012 में कोर्ट गए। कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद अब जाकर सोनिया और राहुल को समन किया है जिन्हें 7 अगस्त 2014 को कोर्ट में पेश होना है।

-पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना की।
-अखबार के मास्‍ट हेड पर लिखा गया था कि 'स्‍वतंत्रता खतरे में है, सभी के साथ इसकी रक्षा करनी है।' अंग्रेजी में इसका मतलब है कि Freedom is in Peril, Defend it with All Your Might.
-जब इस अखबार की शुरुआत हुई तो इसके पहले संपादक पंडित जवाहर लाल नेहरु हुए।
-अखबार की स्थापना 8 सितंबर 1938 को लखनऊ में की गई थी।
-अखबार के पहले संपादक भी पंडित जवाहर लाल नेहरू ही थे।
-प्रधानमंत्री बनने तक नेहरू नेशनल हेराल्ड बोर्ड के चेयरमैन रहे।
-जवाहर लाल नेहरु को जब देश का प्रधानमंत्री बनाया गया तो उन्‍होंने संपादक के पद से इस्‍तीफा दे दिया और उसके बाद के राम राव को नेशनल हेराल्‍ड का संपादक बनाया गया।
-अगस्‍त 1942 के बाद जब ब्रिटिशों ने इंडिया प्रेस पर हमला किया तो उस दौरान हेराल्‍ड अखबार को भी बंद करना पड़ा। हेराल्‍ड को वर्ष 1942 से लेकर 1945 तक पूरी तरह से बंद कर दिया गया।
-वर्ष 1945 के अंतिम महीनों में एक बार फिर से नेशनल हेराल्‍ड की शुरुआत की गई।
-नेशनल हेराल्‍ड की दूसरी शुरुआत में कांग्रेस के कांग्रेस नेता व इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी ने वर्ष 1946 में अखबार की बागडोर प्रबंध निदेशक के रूप में संभाली। इस समय मानिकोंडा चलापति राव को संपादक का पदभार दिया गया। अभी तक हेराल्‍ड के दो संस्‍करण लखनऊ और दिल्‍ली से निकलने लगे थे।
-नेशनल हेराल्‍ड को हिंदी में नवजीवन और उर्दू भाषा में कौमी आवाज के नाम से भी निकाला जाता था।
-आजादी की लड़ाई में इस अखबार ने अहम भूमिका अदा की।
-अखबार ने बाद में हिंदी नवजीवन और उर्दू कौमी आवाज अखबार भी निकाला।
-यह कहना कतई अतिश्‍योक्ति नहीं होगा कि नेशनल हेराल्‍ड पूरी तरह से कांग्रेसी अखबार था। आजादी के बाद भी नेशनल हेराल्ड कांग्रेस का मुखपत्र बना रहा।
-वर्ष 1977 में जब लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी की हार हुई थी तो भी इस अखबार को दो सालों के लिए बंद कर दिया गया था। यहां से हेराल्‍ड का काला इतिहास शुरु हो गया था।
-इंदिरा गांधी की हार के बाद पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने नेशनल हेराल्‍ड की बागडोर संभाली लेकिन तब तक माहौल बिल्‍कुल बदल चुका था।
-वर्ष 1998 में लखनऊ संस्‍करण को बंद कर दिया गया और सिर्फ दिल्‍ली संस्‍करण ही बाजार में आता रहा।
-1 अप्रैल, वर्ष 2008 को नेशनल हेराल्‍ड के बोर्ड सदस्‍यों ने खराब आर्थिक हालात के चलते इस बात की घोषणा कर दी कि अब हेराल्‍ड के दिल्‍ली संस्‍करण को भी बंद किया जा रहा है। नेशनल हेराल्‍ड को जब बंद किया गया तो उस समय उसके एडिटर इन चीफ टीवी वेंकेटाचल्‍लम थे।
-2008 में अखबार का मालिकाना हक एसोसिएटेड जर्नल्स के पास था।
-नेशनल हेराल्ड को चलाने वाली कंपनी एसोसिएट जर्नल्स ने कांग्रेस पार्टी से बिना ब्याज के 90 करोड़ का कर्ज लिया।
-कांग्रेस ने कर्ज देने का मकसद कंपनी के कर्मचारियों को बेरोजगार होने से बचाना बताया।
-नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन इसके बावजूद दोबारा कभी शुरू नहीं हुआ।
-26 अप्रैल 2012 को यंग इंडिया कंपनी ने एसोसिएटेड जर्नल्स का मालिकाना हासिल कर लिया।
-यंग इंडिया कंपनी में 76 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के हैं।
-इनमें से 38 प्रतिशत सोनिया गांधी और 38 प्रतिशत राहुल गांधी के हैं।
-बाकी शेयर सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास हैं।
-यंग इंडिया ने हेराल्ड की 1600 करोड़ की परिसंपत्तियां महज 50 लाख में हासिल कीं।
-सोनिया-राहुल की कंपनी यंग इंडिया ने दिल्ली में सात मंजिला हेराल्ड हाउस को किराये पर कैसे दिया। इसकी दो मंजिलें पासपोर्ट सेवा केंद्र को किराये पर दी गईं जिसका उद्घाटन तत्कालीन विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने किया था। यानि यंग इंडिया किराये के तौर पर भी बहुत पैसा कमा रही है।
-राहुल ने एसोसिएटेड जर्नल में शेयर होने की जानकारी 2009 में चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में छुपाई और बाद में 2 लाख 62 हजार 411 शेयर प्रियंका गांधी को ट्रांसफर कर दिए। राहुल के पास अब भी 47 हजार 513 शेयर हैं।
-आखिर कैसे 20 फरवरी 2011 को बोर्ड के प्रस्ताव के बाद एसोसिएट जर्नल प्राइवेट लिमिटेड को शेयर हस्तांतरण के माध्यम से यंग इंडिया को ट्रांसफर किया गया जबकि यंग इंडिया कोई अखबार या जर्नल निकालने वाली कंपनी नहीं है?
-कांग्रेस द्वारा एसोसिएट जर्नल प्राइवेट लिमिटेड को बिना ब्याज पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज कैसे दिया गया जबकि यह गैर-कानूनी है क्योंकि कोई राजनीतिक पार्टी किसी भी व्यावसायिक काम के लिए कर्ज नहीं दे सकती?
-जब एसोसिएटेड जर्नल का ट्रांसफर हुआ तब इसके ज्यादातर शेयरहोल्डर मर चुके थे ऐसे में उनके शेयर किसके पास गए और कहां हैं?
-आखिर कैसे एक व्यावसायिक कंपनी यंग इंडिया की मीटिंग सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10 जनपथ पर हुई?


नेशनल हेराल्ड के वेबसाइट पर इस समाचार को यों परोसा गया-

Sonia, Rahul summoned in National Herald case

By National Herald, 26 June, 2014, 19:02

A court here Thursday issued summons to Congress president Sonia Gandhi and her son and party vice president Rahul Gandhi on charges of misappropriating funds of a company that used to publish the now defunct National Herald newspaper.

In response to a private complaint filed by BJP leader Subramanian Swamy, Metropolitan Magistrate Gomati Manocha said: "I have found prima facie evidence against all the accused." The court has directed them to appear before it Aug 7.

The Congress called it "a motivated complaint". "The allegations are baseless," said party spokesperson Abhishek Manu Singhvi.

A party statement added: "All the persons named in the National Herald matter will seek legal advice and do the needful."

Apart from the Gandhis, the court also summoned Congress leaders Motilal Vora and Oscar Fernandes, Sam Pitroda, who was an advisor to prime minister Manmohan Singh, and former journalist Suman Dubey, who is close to the Gandhi family.

The complaint alleged that the Gandhis formed a company, Young India, in 2010 with 38 percent share each to take control of Rs.2,000 crore worth of assets of Associated Journals Ltd, which published the National Herald.

"Since all the accused persons have allegedly acted in consortium with each other to achieve the said nefarious purpose/design, there are sufficient grounds for proceedings against all of them," the court said.

However, the judge added in 20-page order that "it goes without saying that guilt of an accused is determined after trial when the burden of proof is discharged beyond reasonable doubt.

"This is only the stage of summoning of the accused. When the accused appear before the court they shall be at liberty to refute the allegations of (Swamy), cross examine the witnesses."

The judge, however, added that the complainant had established a prime facie case of dishonest misappropriation of property, criminal breach of Trust, cheating and criminal conspiracy.

The summons were also served on Young India.

"The chain of circumstance appears to give rise to a conclusive or irresistible inference of an agreement between the accused to commit the offences as alleged in a pre-planned manner," the court observed.

It noted that "though the language in the documents is shrouded in ambiguity but it is not difficult to understand that the control over public money/assets appear to have been cleverly transferred to the hands of the few by creating a company (Young India) for this purpose".

Speaking to reporters, Swamy said: "This is a fraud, criminal breach of trust as they have managed to misappropriate the fund of Rs.2,000 crore.

"It is important for the court to take away the passports of Sonia Gandhi and Rahul Gandhi so that they do not run away from the country."

He said the offence was made possible because of the Gandhis' "crony control over the Congress party and AJL".

He alleged that they closed AJL in 2008 due to financial crisis and stopped printing the National Herald and sister publications Navjivan (Hindi) and Qaumi Awaz (Urdu), which were saddled with huge unpaid debts.

To resolve the financial crisis, AJL transferred the share equity to Young India by a mere payment of Rs.50 lakhs without taking any reference from the shareholders.

Young India thus acquired the complete ownership of AJL real estate assets of at least Rs.2,000 crores, including a multi-story building in a prime location in Delhi.

The National Herald was started in 1938 by Jawaharlal Nehru. Over the decades, it lost circulation and ran into major financial losses, leading to its closure in 2008.
(http://nationalherald.org)

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