-केन्द्र से झारखंड तक रहा शानदार प्रदर्शन
-नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाकर पेश करना अत्यन्त लाभदायक रहा
-काँग्रेस को भाजपा ने विपक्ष में बैठने लायक भी नहीं छोड़ा
-शीतांशु कुमार सहाय।
केन्द्र में बहुमत की सरकार हो या झारखंड में रघुवर राज की स्थापना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए बीता वर्ष 2014 उपलब्धियों से भरा रहा। सन् 2014 ईश्वी में केन्द्र में भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। साथ ही महाराष्ट्र, हरियाणा व झारखंड में भी भाजपा की मजबूत सरकार सŸाा में आयी। साथ ही जम्मू-कश्मीर में भी पहली बार भाजपा ने 25 सीटें हासिल की। राज्यों से लेकर केन्द्र तक भाजपा ने हर तरफ परचम लहराया। केन्द्र में भाजपा की जीत के बाद से उसके रथ का पहिया लगातार सकारात्मक स्थिति में घूमता रहा। दूसरे शब्दों में कहें तो 2014 भाजपा के लिए लकी रहा।
-केन्द्रीय सत्ता में पूर्ण बहुमत
30 साल बाद देश में पहली बार किसी एक पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार केन्द्र में बनी। भाजपा ने 2013 में एक रणनीति के तहत नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाकर पेश किया। इसके बाद शुरू हुआ बैठक, सभा और रैली का दौर। यह सिलसिला तबतक चला जबतक जीत का स्वाद भाजपा ने नहीं चखा।
-मोदी की लहर
लोगों ने नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में पलकों पर बैठाया। इसके बाद नरेन्द्र मोदी भाजपा के पर्याय बन गये और मोदी-लहर ने देश में तूफान पैदा कर दिया। काँग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी ने भी मोदी के सामने घुटने टेक दिये। यहाँ तक कि काँग्रेस को भाजपा ने लोकसभा में विपक्ष में बैठने लायक भी नहीं छोड़ा। हर ओर मोदी का डंका बजने लगा।
-मिशन 272 प्लस में 10 प्लस
लोकसभा निर्वाचन में भाजपा ने अपने मिशन के तहत 272 प्लस सीटों का लक्ष्य रखा था। पर, उत्साहित मतदाताओं ने भाजपा को जी खोलकर मत दिये। नतीजा यह हुआ कि मिशन 272 प्लस में 10 प्लस हुआ और भाजपा ने 282 सीटों पर जीत दर्ज की। पहली बार केन्द्र में किसी एक पार्टी ने विशाल बहुमत के साथ सरकार बनायी। इसमें झारखंड की भूमिका भी काफी महत्त्वपूर्ण रही। राज्य की 14 में से 12 लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा रहा।
-विधानसभा निर्वाचन में भी परचम लहराया
भाजपा का विजय रथ लोकसभा निर्वाचन के बाद भी नहीं रूका। झारखंड विधानसभा निर्वाचन में भी भाजपा ने दमदार उपस्थिति दर्ज की। पिछले विधानसभा निर्वाचन की तुलना में इस बार भाजपा ने दुगुनी से ज्यादा सीटों पर विजय प्राप्त की। 2009 में जहाँ झारखंड में भाजपा के 18 विधायक ही सदन में पहुँच पाये थे, वहीं इस बार उनकी संख्या 37 है। इस बार सभी 81 सीटों पर आजसू व लोजपा के साथ भाजपा ने मिलकर चुनाव लड़ा और राज्य में राजग गठबंधन की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। झारखंड में यह भी अनोखी घटना रही। जब से राज्य अस्तित्व में आया, तब से यहाँ खिचड़ी सरकार बनती रही है। इसका नतीजा कभी किसी सरकार ने पाँच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया लेकिन इस बार भाजपा मजबूती के साथ सरकार में आयी है और पहली बार गैर-आदिवासी रघुवर दास को मुख्यमंत्री बनाया गया है।
-राँची के महापौर व उपमहापौर पद पर कब्जा
झारखंड में लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद हुए राँची नगर निगम के महापौर के निर्वाचन में भी भाजपा की जीत का सिलसिला जारी रहा और महापौर प्रत्याशी आशा लकड़ा ने भारी मतों से विजय हासिल की। इसके पूर्व नगर निगम के उपमहापौर के चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी संजीव विजयवर्गीय ने फतह हासिल की थी।
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