-शीतांशु कुमार सहाय
सोमवार, 5 अगस्त 2019 का दिन भारत के इतिहास में महत्त्वपूर्ण रूप से शामिल हो गया। इस दिन भारतीय संघ को दो और केन्द्रशासित प्रदेश मिले। अब भारत में कुल आठ केन्द्रशासित प्रदेश हो गये। जम्मू-कश्मीर विधायकों वाला केन्द्रशासित प्रदेश बनेगा और लद्दाख को बिना विधायकों का केन्द्रशासित प्रदेश बनाया जायेगा। अब प्रत्येक भारतवासी को यह जानना आवश्यक है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में क्या परिवर्तन हो जायेगा।
- अनुच्छेद 370 के हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष अधिकार पूरी तरह से खत्म हो गया है। केन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू होगा।
- भारत का कोई भी नागरिक अब जम्मू-कश्मीर में ज़मीन और अन्य स्थायी संपत्ति खरीद सकेगा।
- जम्मू-कश्मीर का अब अलग ध्वज नहीं होगा। अब केवल एक राष्ट्रध्वज तिरंगा ही रहेगा और सभी राष्ट्रीय उत्सवों और अन्य मौकों पर तिरंगा ही शान से लहरायेगा।
- जम्मू-कश्मीर में अब दुहरी नागरिकता नहीं होगी।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में मताधिकार का अधिकार सिर्फ वहाँ के स्थायी नागरिकों को ही था। दूसरे राज्य के लोग वहाँ मतदान नहीं कर सकते थे और न चुनाव में प्रत्याशी बन सकते थे। अब नरेंद्र मोदी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद भारत का कोई भी नागरिक वहाँ के मतदाता और प्रत्याशी बन सकते हैं।
- जम्मू-कश्मीर अब अलग राज्य नहीं बल्कि केंद्रशासित प्रदेश होगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा।
- विधानसभा का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल होगा।
- लद्दाख को अलग केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया गया। यहाँ विधानसभा नहीं होगी और इस का प्रशासन चंडीगढ़ की तरह केन्द्र सरकार द्वारा चलाया जायेगा।
- अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सूचना का अधिकार (आरटीआई) और लेखा परीक्षण (सीएजी) जैसे कानून भी लागू होंगे।
- जम्मू-कश्मीर में देश का कोई भी नागरिक अब सरकारी नौकरी पाने का अधिकारी हो गया है।
- इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर का अपना अलग से कोई संविधान नहीं होगा। विदित हो कि कश्मीर में 17 नवम्बर 1956 ईस्वी को अपना संविधान लागू किया था। अब कश्मीर में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 का भी इस्तेमाल हो सकता है यानी राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है।
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