शनिवार, 16 मई 2020
अवतार-पुरुष Avatar Purush
बुधवार, 13 मई 2020
आत्मनिर्भर भारत अभियान को पूरा जानिये KNOW FULL DESCRIPTION ABOUT AATMNIRBHAR BHARAT ABHIYAN
कोविड-19 ने देश और देश दुनिया के सामने बहुत से संकट खड़े किए हैं और चुनौती के समय में देश को अग्रसारित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु व मध्यम वर्गीय गृह उद्योग (MSMEs)के लिए निम्नलिखित 16 घोषणाएं की है क्या आप जानते हैं एमएसएमई जोकि 12 हजार करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है आइए जानते हैं सरकार द्वारा कौन सी घोषणाएँ की गई हैं--
- Rupee 3 lakh Crore Collateral free automatic loan for business including MSMEs
- MSMEs सहित व्यापार के लिए रुपये 3 लाख करोड़ संपार्श्विक नि: शुल्क स्वचालित ऋण
- Rupee 20000 Crore subordinate debt for MSMEs
- MSMEs के लिए रु। 20000 करोड़ अधीनस्थ ऋण
- Rupees 50000 crore equity infusion through MSMEs fund of funds
- MSMEs के फंड के माध्यम से रुपए 50000 karod इक्विटी इन्फ्यूशन
- MSMEs की नई परिभाषा
- New Definition Of MSMEs
- Global Tender For to be disallowed upto rs 200 crores
- ग्लोबल टेंडर 200 करोड़ रुपये तक का है
- Other Interventions For MSMEs
- एसएमई के लिए अन्य हस्तक्षेप
- Rs 2500 Crore EPF Support For Business and Workers For 3 More Months
- 3 और महीनों के लिए व्यापार और श्रमिकों के लिए 2500 करोड़ रुपये का ईपीएफ समर्थन
- EPF Contribution reduced for business and workers for 3 months
- ईपीएफ अंशदान 3 महीने के लिए व्यापार और श्रमिकों के लिए कम हो गया
- Rs 30000 Crore Liquidity facility for NBFCS/HCs/MFIs
- एनबीएफसीएस / एचसी / एमएफआई के लिए 30000 करोड़ रुपये की तरलता सुविधा
- Rs 45000 Cr Partial Credit Guarantee Scheme For NBFC
- एनबीएफसी के लिए 45000 करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना
- Rs 90000 Crore Liquidity injection for DISCOMs
- DISCOM के लिए 90000 करोड़ रुपये की तरलता इंजेक्शन
- Relief to Contractors
- ठेकेदारों को राहत
- Extension of registration and completion date of real estate projects under RERA
- RERA के तहत रियल एस्टेट परियोजनाओं के पंजीकरण और पूर्णता तिथि का विस्तार
- Rs 50000 cr Liquidity through TDs/TCS reduction
- टीडीएस / टीसीएस कटौती के माध्यम से 50000 करोड़ रुपये की तरलता
- Other Tax Measures
- अन्य कर उपाय
भारत निरंतर ही बहुत ही बड़ी बड़ी जानलेवा बीमारियों जैसे टीवी पोलियो कुपोषण जैसी बीमारी से लड़ता आया है पूर्व की भांति इस बार भी हमारा संकल्प कोरोनावायरस आपदा कोविड-19 को हराना है और विश्व कल्याण में पुनः अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है | किसी भी देश के विकास में और उसे आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यतः 5 चीजों की आवश्यकता होती है
- अर्थव्यवस्था (Economy)
- आधारिक संरचना (better Infrastructure)
- प्रणाली (System)
- जनसांख्यिकी (Demography)
- मांग और आपूर्ति (Dempand & Supply Chain)
आत्मनिर्भर भारत अभियान के संकल्प
- कोरोनावायरस संकट का सामना करते हुए नए संकल्प के साथ देश को विकास के नए दौर में ले जाने के लिए देश के विभिन्न वर्गों को एक साथ जोड़ा जाएगा और देश को विकास यात्रा की एक नई गति प्रदान की जाएगी
- इस अभियान के अंतर्गत देश के मजदूर श्रमिक किसान लघु उद्योग कुटीर उद्योग मध्यमवर्गीय उद्योग सभी पर विशेष ध्यान अथवा बल दिया जाएगा यह पैकेज इन सभी उद्योगों को 20 लाख करोड़ की सहायता प्रदान करेगा जो कि भारत के एक गरीब नागरिक की आजीविका का साधन है
- यह पीएम मोदी राहत पैकेज देश के उत्तरी श्रमिक व्यक्ति के लिए है जो हर स्थिति में देशवासियों के लिए परीक्षण करता है और देश को बुलंदी की ओर अग्रसर करता है
आत्मनिर्भर भारत अभियान के लाभार्थी
- देश का गरीब नागरिक
- श्रमिक
- प्रवासी मजदूर
- पशुपालक
- मछुआरे
- किसान
- संगठित क्षेत्र व असंगठित क्षेत्र के व्यक्ति
- काश्तकार
- कुटीर उद्योग
- लघु उद्योग
- मध्यमवर्गीय उद्योग
PM Modi राहत पैकेज के लाभ
- 10 करोड़ मजदूरों को लाभ होगा
- MSME से जुड़े 11 करोड़ कर्मचारियों को फायदा
- इंडस्ट्री से जुड़े 3.8 करोड़ लोगों को लाभ पहुंचेगा
- टेक्सटाइल इंडस्ट्री से जुड़े 4.5 करोड़ कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा |
- ये आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मंझोले उद्योग, हमारे MSME के लिए है, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन है |
- इस आर्थिक पैकेज से गरीब मजदूरों, कर्मचारियों के साथ ही होटल तथा टेक्सटाइल जैसी इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को फायदा होगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान राहत पैकेज के अंतर्गत महत्वपूर्ण क्षेत्र
- कृषि प्रणाली (Reformation Of Agricultural Supply Chain & System)
- सरल और स्पष्ट नियम कानून (Rational Tax System)
- उत्तम आधारिक संरचना (Reformation Of Infrastructure)
- समर्थ और संकल्पित मानवाधिकार ( Capable Human Resources)
- बेहतर वित्तीय सेवा (A Good Financial System)
- नए व्यवसाय को प्रेरित करना (To Motivate New Business)
- निवेश को प्रेरित करना (Provide Good Investment Opportunities)
- मेक इन इंडिया (Make In India Mission)
अभियान का निष्कर्ष
आत्मनिर्भरता आत्मबल और आत्मविश्वास से ही संभव है आइए हम मिलकर देश के विकास में योगदान दें और वैश्विक आपूर्ति चयन में अपनी भूमिका निभाएं प्यारे देशवासियों आज भारत के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती इस आपदा के रूप में खड़ी है भारत की संस्कृति और भारत के संस्कार हमें संसार के सुख सहयोग और शांति की चिंता सिखाती है आइए मिलकर अपनी पूरी संकल्प शक्ति के साथ इस महामारी का सामना करें और भारत को विकास की दिशा में अग्रसर करने के लिए योगदान दें।
मंगलवार, 12 मई 2020
प्याज का अनजाना सच, शरीर पर क्या असर डालता है प्याज Unknown Truth Of Onion, What Effect Does Onion Have On The Body
प्याज से हानि का वीडियो
रविवार, 10 मई 2020
कम्युनिस्ट चीन की कुण्डली का पहली बार ज्योतिषीय आकलन : घोर संकट की शुरुआत Astrological Assessment of the Horoscope of Communist China for the First Time: The Beginning of the Great Crisis
कम्युनिज्म बनाम चीन
बृहस्पति का तृतीय भाव में स्वगृही होना पराक्रमी होने का सबूत है, तृतीय भाव स्वबल का है अर्थात जातक के पास अपनी शक्तियाँ होंगी जिस के आधार पर वह किसी भी प्रकार की बाधा को पार करने में स्वयं ही सक्षम होगा। साथ ही तृतीय भाव का स्वामी ही षष्ठ भाव का स्वामी भी है, षष्ठ भाव शत्रु का है और इस प्रकार षष्ठेश भी स्वगृही है अर्थात् वह शत्रुओं पर भी विजय पाने में समर्थ होगा।
![]() |
चीन का मानचित्र |
बृहस्पति धनु गोचर २९ मार्च २०१९ से २० नवंबर २०२० तक है। बृहस्पति कम्युनिस्ट चीन की कुण्डली में धनु राशि में ही है। अतएव बृहस्पति के धनु संचरण के दौरान तृतीय भाव के फल विशेष तौर पर प्राप्त होंगे। बृहस्पति तृतीय भाव में स्वगृही होकर सबल है मगर यह रोग, ऋण, रिपु के मालिक षष्ठ भाव का भी मालिक है, अतः इस के परिणाम भी उसे इस दौरान प्राप्त होंगे।
- बृहस्पति का धनु प्रवेश : २९ मार्च २०१९
- बृहस्पति का वृश्चिक प्रवेश : २२ अप्रैल २०१९
- बृहस्पति का धनु प्रवेश : ०५ नवंबर २०१९
- बृहस्पति का मकर प्रवेश : ३० मार्च २०२०
- बृहस्पति का धनु प्रवेश : ३० जून २०२०
- बृहस्पति का मकर प्रवेश : २० नवंबर २०२०
- सूर्य का कन्या राशि संचरण : १७ सितम्बर २०१९ से १८ अक्तूबर २०१९
- बुध का कन्या राशि संचरण : ११ सितम्बर 2019 से 29 सितम्बर २०१९
- शुक्र का तुला राशि संचरण : ०४ अक्टूबर 2019 से 28 अक्तूबर २०१९
- सूर्य का कन्या राशि संचरण : १७ सितम्बर २०२० से १७ अक्तूबर २०२०
- बुध का कन्या राशि संचरण : ०२ सितम्बर २०२० से २२ सितम्बर २०२०
- शुक्र का तुला राशि संचरण : ११ सितम्बर २०२० से २९ सितम्बर २०२०
महादशा और अन्तर्दशा आकलन
बुध महादशा : ११ सितम्बर २०२० से ११ सितम्बर २०३७
- बुध महादशा में बुध की अन्तर्दशा ८ अक्तूबर २०२० से ५ मार्च २०२३ तक।
- बुध महादशा में केतु की अन्तर्दशा ५ मार्च २०२३ से २ मार्च २०२४ तक।
- बुध महादशा में सूर्य की अन्तर्दशा २ जनवरी २०२७ से ८ नवम्बर २०२७ तक।
केतु महादशा : ११ सितम्बर २०३७ से ११ सितम्बर २०४४
- केतु महादशा में केतु की अन्तर्दशा ८ अक्तूबर २०३७ से ५ मार्च २०३८ तक।
- केतु महादशा में सूर्य की अन्तर्दशा ५ मई २०३९ से ११ सितम्बर २०३९ तक।
- केतु महादशा में बुध की अन्तर्दशा ११ अक्तूबर २०४३ से ८ अक्तूबर २०४४ तक।
घातक कदम उठा सकता है चीन
चीन की वैश्विक गतिविधियाँ भी अत्यन्त चुनौतीपूर्ण होंगी। चीन को केन्द्र-बिन्दु बनाकर विश्व के कई शक्तिशाली देश उस पर तरह-तरह के प्रतिबन्ध लगायेंगे। इस के विपरीत चीन आर्थिक प्रतिबन्धों से बौखला जायेगा और वह विश्व समुदाय के प्रति और घातक कदम उठा सकता है। हालाँकि युद्ध किसी भी समस्या का हल नहीं है, परन्तु चीन को सबक सिखाने के लिए विश्व के किसी देश द्वारा चीन पर हमला हो सकता है या अपने ऊपर लगे आरोपों-प्रतिबन्धों की खि़लाफ़त स्वरूप चीन किसी प्रतिद्वन्द्वी देश पर सशस्त्र आक्रमण कर सकता है।१७ साल का संक्रमण काल
साम्यवादी बन जाते हैं शोषक
जिनपिंग, चीन और कोरोना
भारत नयी शक्ति के साथ उभरेगा
शनिवार, 9 मई 2020
कोरोना कुण्डली Corona Kundali
‘को’ ‘रो’ ‘ना’
उदाहरण सुनामी
Click For Advance Astro Reading About Novel Corona Virus
गुरुवार, 7 मई 2020
ए प्रभु
A PRABHU
अमित कुमार नयनन
(१)
धरती पर बढ़ते पाप देखकर,
इस पर बढ़ते अत्याचार देखकर,
रोज बढ़ते गुनाह देखकर,
प्रभु घबरा गये!
बदनामी न हो जाय उन की,
उत्थान करने आ गये।
मगर
उत्थान का कोई रास्ता नहीं दीख रहा था,
उन की बात कोई नहीं सीख रहा था।
वह समझ गये,
उत्थान नहीं उद्धार की कड़ी है,
जो समय से पहले आन पड़ी है।
सोचे कोई बात नहीं-
कोई अन्य सृष्टि बना लूँगा,
कोई और सभ्यता बसा लूँगा;
जहाँ कोई नाम लेनेवाला होगा,
कोई न बदनाम करनेवाला होगा।
कीड़े-मकोड़ों की तरह
अच्छे में बुरे मिल गये थे।
अच्छों के बल पर बच जायेंगे,
यह सोच उन्होंने ये रास्ता अपनाया था।
पर, प्रभु को तो गुस्सा हो आया था
कि उन का यहाँ कोई नाम लेनेवाला नहीं है,
कोई ‘राम-राम’ कहनेवाला नहीं है।
चतुर दुनियावालों ने बात पकड़ ली,
साथ ही ‘राम-राम’ की रट जकड़ ली।
मगर, प्रभु गुस्से में थे,
इसलिए ‘राम-राम’ भी
‘मरा-मरा’ सुनायी दे रहा था।
गुस्सा इतना कि
मरे को भी मारने की शक्ति दे रहा था।
कटार उठी संहार को,
भूलेे संसार के प्यार को।
तभीे अच्छों की आवाज़ आयीे-
प्रभु!
हम पुण्यात्मा हैं!
बेवज़ह हमारी क्यों कर रहे हो पिटायी?
कुछ तो रहम करो,
ज़िन्दगी भर अत्याचार सहे हैं,
अब तो मर्म करो;
इन्होंने तो ज़िन्दगी भर सताया है।
तुम भी सताओगे तो हम कहाँ जायेंगे?
इस बात का कुछ तो शर्म करो।
प्रभुजी सोच में पड़ गये!
ये बीच में कहाँ से पड़ गये,
अभी से पीछे क्यों पड़ गये।
संहार के बाद राग अलापना था,
अभी से क्यूँ पीछे पड़ गये।
डपट पड़े कुछ सोच बड़े जोर से-
मुझे और गुस्सा आ रहा है तुम्हारे शोर से।
शान्त रहो नहीं तो बना-बना मारूँगा,
जगह भी नहीं मिलेगी,
ऐसे कब्रिस्तान में गाड़ूँगा।
संहार के वक़्त टाँग अड़ा रहे हो,
सृष्टि-रक्षा की पट्टी पढ़ा रहे हो।
सारी ग़लती तुम्हारी ही है।
कैसा पुण्य करते हो
कि पापी बढ़ जाते हैं।
तुम देखते रहते हो,
वे सिर पर चढ़ जाते हैं।
बुरे तुम्हारी ‘शालीनता’ से बचे,
इसलिए मुझे आना पड़ा,
तुम्हारी जगह आकर मुझे कटार उठाना पड़ा,
फिर भी तुम मेरे भक्त हो,
इसलिए सारी ग़लती माफ़ करता हूँ।
आइन्दा मत करना ऐसा
फिलहाल तुम्हें भी साफ करता हूँ।
अच्छों का खून खौल गया,
बदल तुरन्त माहौल गया।
अच्छाई के लिए लड़नेवालों को
आक्रोश आ गया।
प्रभु ने उन्हें कैसे कह दिया तमाशबीन,
यह सुन और जोश आ गया।
तुरन्त ही बिगड़ पड़े,
मोर्चा बना झगड़ पड़े-
यह कैसा हुक्म है?
ये तो सरासर जुल्म है।
याद रखो प्रभु!
मरकर भी जी जायेंगे,
हम तुम्हारा खून पी जायेंगे।
यहाँ तक का हक़ तुम्हारा है,
फिर बेड़ा गर्क तुम्हारा है।
चलो ऊपर बतायेंगे,
चुल्लूभर पानी में डुबायेंगे।
जिधर से भी गुजरोगे,
वहीं मोर्चा लगायेंगे।
मोर्चे ने तो
अच्छे-अच्छों के दाँत खट्टे कर दिये हैं,
चलते-फिरतों के भट्ठे कर दिये हैं-
बाप रे! कहाँ फँस गया।
प्रभु का मुख मलीनता से हँस गया-
हे-हे...!
मैं तो मज़ाक कर रहा था,
सृष्टि-अन्त में तुम्हारी परीक्षा ले रहा था।
तुम में कौन अच्छे बच्चे हैं?
कौन-कौन दिल के सच्चे हैं?
तुम सभी कसौटियों पर खरे उतरे हो,
इसलिए तुम्हारा आह्वान करता हूँ,
सृष्टि-संहार में मदद करो मेरी।
मैं अभी ऐलान करता हूँ-
तुम मरकर भी अमर रहोगे,
ऊपर चलो शत्रुओं से बेख़बर रहोगे।
यह धरती तुम्हारे रहने लायक नहीं है,
यहाँ कौन नालायक नहीं है!
देखो-
यहाँ बिजली-पानी की व्यवस्था ठीक नहीं है,
यहाँ तुम्हारा रहना ठीक नहीं है,
बीमारियों से रोज लड़ोगे,
मेरे बिना मारे ही मरोगे।
अच्छा हो उद्धार-कर्म में हाथ बँटाओ,
मेरे हाथों वीरगति पाओ;
इस तरह
मरने का कोर्स भी पूरा हो जायेगा,
वहाँ चलो वो भी होगा पूरा
जो अधूरा रह जायेगा।
धरती पर सुख न दे सके,
तो खाक वहाँ दिलवायेंगे;
जैसे मर रहे हैं यहाँ,
वहाँ भी मारे जायेंगे।
-बुद्धिजीवियों की राय थी।
प्रभु भड़क उठे-
तुम्हीं बुद्धिजीवियों के चलते बेड़ा गर्क है;
तभी वहाँ नरक है,
दूसरों की बुद्धि मार देते हो,
रास्ता अपना कर पार देते हो।
मैं प्रभु हूँ,
मेरा विश्वास करो;
कहो- प्रभु अब संहार करो।
प्रभु! आप चले जाइये,
जाते-जाते इज्ज़त बचाइये।
हमारे गुस्से का ठिकाना नहीं है,
सीधे-सीधे बता दीजिये-
आप को जाना है
या जाना नहीं है?
हम बहुत देर से सह रहे हैं,
शालीनता से कह रहे हैं;
यदि आप रास्ता नहीं नापेंगे,
युगों-युगों तक आप को शापेंगे।
यदि हमें यही दिन दिखलाना था
तो क्यूँ हमारा निर्माण किया?
बड़ाई लुटने की ख़ातिर
हमें ही मार कहना चाहते हो?
लो निर्वाण किया!
बदनामी बढ़ती जा रही थी,
प्रभु पर विपदा आ रही थी;
मगर अनुभवी बुद्धि ने चमत्कार दिखलाया,
बुद्धिजीवियों को भी बरगलाया-
वाह-वाह!
तुम तो खरे सोने हो,
क्यूँ पड़े हो यहाँ रोने को;
मेरी एक और परीक्षा पास कर गये,
सफल मेरा विश्वास कर गये।
ऊपर सारी जगह खाली है,
तेरा प्रभु ही वहाँ का माली है;
चलो, मरने को तैयार हो जाओ,
इन के संग ऊपर चले जाओ।
मन में मेरा नमन करो,
जी भरकर स्मरण करो-
हे प्रभु!
मरने की शक्ति देना;
अपने प्रति और भक्ति देना।
तुम्हीं मेरा प्यार हो,
तेरे हाथों ही संहार हो।
जिस तरह पापी भी तरसे तेरे हाथों मरने को,
वैसे ही हम भी खड़े तेरे हाथों मरने को;
हम को बुद्धि आ रही है,
स्वर्ग में किस्मत जा रही है;
इसलिए सफल मेरा जन्म करो,
तुम अपना करम करो।
बुद्धिजीवी थे फिर भड़कने को
पर प्रभु ने कहा रूकने को-
यह क्या पागलपन है तुम्हारा,
स्वर्ग छोड़ रहे हो हमारा;
जिस की ख़ातिर रोज पूजा करते थे,
कर्म न कोई दूजा करते थे।
पूजा कर-कर मर जाते हो,
तब कहीं जाकर स्वर्ग पाते हो।
आज जब किस्मत हो उजली चली है,
तो क्यों बेवज़ह हो खुजली चली है;
जो आया स्वर्ग ठुकरा रहे हो,
मरकर भी इसे ही माँगोगे।
क्यों अपने साथ दूसरों को भी मुकरा रहे हो?
बुद्धि की भी हद होती है,
उस की भी कोई सरहद होती है।
ज़्यादा बुद्धि नाशवान है,
जरा कम रखनेवाला ही भाग्यवान है।
जो सब से कम रखे
वह तो मेरे लिए भगवान है,
म.....मेरा मतलब है, वह महान है।
प्रभु अन्त में लड़खड़ा गये,
पर किसी तरह बचा गये।
अच्छों ने शालीनता से कहा-
प्रभु!
बन्द पाप की हद करो,
लो हमारा वध करो;
सफल हमारासंहार करो।
जाने कब इन की बुद्धि फिर जाये,
शायद ही ऐसा मौक़ा फिर आये,
इन की बुद्धि का ठिकाना नहीं है,
यह सुअवसर गँवाना नहीं है।
सोच बिना एक पल गँवाये
प्रभु जो थे खड्ग उठाये,
उसे तुरन्त चला दिया;
प्रभु किसे कहते हैं, बतला दिया।
(२)
(३)
रविवार, 3 मई 2020
त्रेता का नेता Treta Ka Neta
कालयन्त्र मिल गया था इक दिन,
संयोग के चौराहे पर।
बटन दबाते ही आ पहुँचा,
समय के तिराहे पर।
फैसला करना था आखिर,
जाना किस चौराहे पर?
तुरन्त मन में पूर्वजों का हाल आ गया,
कैसा था पहले का जग?
दिल में यह सवाल आ गया।
उधेड़बुन में जल्दी से रावण का ख़्याल आ गया।
अगले पल कलियुग से त्रेता के द्वार परं था,
पलक झपकते ही पाया रावण के दरबार में था।
लम्बी-चौड़ी थी दरबार जमात,
पर मेरे लिए था हवालात।
मेरा आवास बना कारावास,
जीवन के जंजाल में था।
सीताहरण तब तक हो चुका था,
इसी कारण मेरा मरण हो चुका था।
राम दूत समझ पकड़ा गया था,
बेवज़ह इसी कारण हो रावण से झगड़ा गया था।
रावण को बहुत समझाया,
साथ ही कालयन्त्र भी दिखलाया।
जिद्दी रावण समझ न पाया,
तुरन्त उस ने पुष्पक मँगवाया और डंका बजवाया-
ख़ुद को कलियुग का बेटा कहता है,
बहुत यह टें-टाँ करता है।
अच्छी बात है कलियुग जाऊँगा,
वहाँ भी रावणराज फैलाऊँगा।
सिर अपना था पीट लिया,
दूसरे ही क्षण-
रावण ने कलियुग में झट से खींच लिया।
कलियुग की उसे ज़्यादा जानकारी न थी,
अतः गुस्से में चाणक्य का बटन दबवा दिया था,
चन्द्रगुप्त काल में पहुँचा दिया था।
चाणक्य की कूटनीति के सामने
रावण लगभग हार चुका था,
उस का बण्टाधार हो चुका था।
ज्ञात हो-
त्रेतावासी के समय कूटनीति का चलन न था,
निहत्थे पर वार करना आज की भाँति प्रचलन न था,
एक से एक लड़ने का पहले का कानून था,
रावण पर सौ चढ़े थे,
टूटा उस का जुनून था।
वह ए भाई ए भाई चिल्लाता रहा,
शतकांे से मार खाता रहा।
अन्ततः उस ने उल्टा-सीधा बटन दबा दिया,
खुद को औरंगजेब काल पहुँचा दिया।
औरंगजेब इसे देखते ही चिल्लाया-
लगता है तू मेरी गद्दी पर कब्जा करने है आया।
बाप को नहीं बख्शा,
तो हिन्दू धर्मग्रन्थ के पात्र को बख्शूँगा?
सवाल ही नहीं पैदा होता,
मैं तो तेरा खून चुसँूगा।
सैनिकों!
पकड़ लो इसे और खत्म कर डालो,
इस के पास पड़ा कालयन्त्र हथिया लो।
यह आया है कलियुग में शासन करने,
वह भी मेरे काल में,
यह क्या करेगा शासन मुझ पर,
मैं ही आ रहा हँू त्रेता में,
तुम सब पर शासन करने हर काल में।
इस के ख़त्म होते ही
फिर कोई रामायण नहीं रह जायेगा।
जब रावण ही नहीं रहेगा,
कोई राम-राम नहीं कह पायेगा।
बड़ा अच्छा मौका है,
किस ने तुम्हें रोका है!
जाओ जाकर इतिहास ही बदल डालो
और इतिहास के हर पन्ने पर
औरंगजेब-ही-औरंगजेब लिख डालो।
भागने लगे तो छली शिवाजी के इलाके में ंखदेड़ देना
उस के बाद तुम्हें इस से कुछ नहीं है लेना-देना।
वह भी तो हिन्दू हो रावण का दुश्मन है,
उस का तो ऐसे भी ऐसों पर कुपित मन है।
ख़ुदा कसम!
जब वह इसे मारेगा तो बड़ा मजा आयेगा।
फिर मेरे काल के नाम पर
औरंगजेबचरितमानस लिखा जायेगा।
बाप रे!
यहाँ अच्छा आदमी भी छली है,
फिर तो मुझ से भी बली है।
यह सोच फिर रावण भागा,
पलक झपकते बटन को दाबा
और पहुँच गया
द्वितीय विश्वयुद्ध काल में।
साथ पहँुचा दिया हिटलर के हॉल में।
हिटलर उस समय लाखों यहूदियों को मार रहा था,
भंेड़़-बकरियों की तरह!
हमें भी गैस चेम्बर में डाल रहा था।
गैस का पहला झोंका पड़़ते ही
रावण एकदम हड़़बड़़ा गया।
उल्टा-सीधा बटन दबाकर,
हिरोशिमा में गिरते परमाणु बम के बीच पहँुचा दिया।
वहाँ की तपिश से जब भागा तो
नागासाकी में गिरते परमाणु बम मंे फँसवा दिया।
और इस तरह जब बुरी तरह परेशान हो गया,
तो कालयन्त्र को थमा दिया।
फिर बोला-
अपना कालयन्त्र ले जाओ।
मुझ को मेरे घर पहँुचाओ.....वरना अम्मा मारेगी।
देख रहे हो दशा तुम मेरी।
उँ....!
मेरे को बहुत मारेगी,
मेरी अम्मा मारेगी।
उस पर आखिर तरस आ गया,
अवश भी था वश आ गया।
बोला- बात मैं ने दिल की रक्खी,
तो बात उस ने भी जारी रक्खी।
यहाँ तो मुझ से भी बड़ा रावण मौजूद है,
आखिर इस में मेरा क्या वज़ूद है।
मैं अपने त्रेता को बचा लँू,
मेरे लिए वही बहुत है।
बहुत सुनी थी-
भविष्यवाणी कलियुग के बारे में
कि वहाँ का हर पल रावणराज होगा
लेकिन आज रावण ने देख लिया है,
उस ने पलभर में कितने विष पीया है।
यह युग रावणराज से बहुत बड़़ा है,
जहाँ रावण भी हाथ बाँधे खड़ा है।
डर है कि
आज के बाद
कोई और न पहँुच जाय
त्रेता में
सामर्थ्य नहीं लड़ने का उन से
इस लंका के नेता में!
(२२ वर्ष पूर्व प्रकाशित कविता संकलन 'डगर' से उद्धृत)
शरीर के इस अंग पर घी लगाने के आश्चर्यजनक लाभ Amazing Benefits of Applying Cow Ghee
वीडियो देखें
शनिवार, 2 मई 2020
Coronavirus Thought (2)
Coronashastram
Narasimhavatar Corona
Corona Stuti
As world Kalia Nag