मंगलवार, 12 मई 2020

प्याज का अनजाना सच, शरीर पर क्या असर डालता है प्याज Unknown Truth Of Onion, What Effect Does Onion Have On The Body

-शीतान्शु कुमार सहाय
प्याज से होनेवाले लाभ के बारे में तो आप जानते हैं। इस के फायदों के बारे में आप कई जगह पढ़े होंगे। प्याज के गुणगान वाले वीडियो भी आप ने देखा होगा। इसे खानेवाले कहते हैं कि इस के बिना भोजन में स्वाद ही नहीं आता। अधिकतर लोग सब्जी में प्याज का प्रयोग अवश्य करते हैं। घर में, होटल या रेस्तरां में या किसी भोज में प्याज का ख़ूब प्रयोग होता है। सलाद के रूप में भी इस का उपयोग किया जाता है। अभी आप जानिये कि प्याज से कितना हानि है। आश्चर्य मत कीजिये, प्याज खाने से हानि भी हो सकती है, इस के बारे में बहुत कम लोग को पता है। प्याज खाने के साथ लोग कुछ गलतियाँ भी करते हैं, जो कई रोगों के कारण बनते हैं। इन सब के बारे में अभी तुरन्त जानिये....

प्याज से हानि का वीडियो

         १. प्याज का सब से अधिक उपयोग लोग कच्चा ही करते हैं। सलाद के रूप में, आलू का भरता या बैंगन का भरता में, टमाटर की चटनी में, भुंजा के साथ, झाल-मूढ़ी में, सत्तू के साथ या रोटी और भात के साथ कच्चे प्याज का सेवन किया जाता है। याद रखिये कि जिस समय खाना है, ठीक उसी समय प्याज को काटिये। कटे हुए प्याज अगर बहुत देर तक रखे रहते हैं तो वे हानिकारक बैक्टीरिया यानी जीवाणुओं और वायरस यानी विषाणुओं से दूषित हो जाते हैं। प्याज में यह गुण है कि काटने के बाद वह आसपास के हानिकारक जीवाणुओं को अवशोषित करने लगता है। ऐसे प्याज को खाने से आप बीमार पड़ सकते हैं। इस से भोजन विषाक्तता यानी फ़ूड पॉइजनिंग का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। 
         २. सुबह कम काम करना पड़े, इसलिए अधिकतर महिलाएँ रात में ही सब्जियाँ और प्याज काटकर रख लेती हैं। छात्रावासों में रहनेवाले विद्यार्थी भी ऐसी गलती करते हैं। इसी तरह होटल या रेस्तरां में भी सलाद के लिए प्याजों को रात में ही या सुबह जल्दी काटकर पूरे दिन के लिए रख लिया जाता है। यह प्याज स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है। अधिक देर तक काटकर रखे गये प्याज बहुत जल्दी विषैले हो जाते हैं; क्योंकि यह बैक्टीरिया और वायरस से संक्रमित हो जाते हैं। प्याज में बैक्टीरिया और वायरस को अवशोषित करने की ख़ास क्षमता होती है। आयुर्वेद के अनुसार, अगर फ्लू और अन्य संक्रामक रोग से घर को मुक्त रखना है तो खिड़की पर या कमरे में कई जगह प्याज काटकर रख देना चाहिये। इसलिए पहले से कटा हुआ प्याज खाने से बचिये। 
         ३. आप ने अभी जाना कि प्याज बैक्टीरिया और वायरस को अवशोषित करता है। जो ज़्यादा प्याज खाते हैं, उन के शरीर में प्याज के गुण मौज़ूद होते हैं। इस कारण रोगों के कीटाणुओं के सामने हमारी बॉडी रेजिसटेंस पावर कम हो जाती है। मतलब यह कि शरीर में रोग से लड़ने की क्षमता घट जाती है।
         ४. कभी भी प्याज का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिये। अधिक प्याज का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अगर आप बार-बार प्याज खाने के शौक़ीन हैं, तो इस शौक को आज ही बदल दीजिये। प्याज में पोटेशियम पाया जाता है जो शरीर के अन्दर पहुँचकर कार्डियोलिवर सिस्टम को हानि पहुँचाता है जिस के कारण सीने में जलन या तेज जलन की शिकायत हो सकती है। 
         ५. जब प्याज की नई फसल आती है तो उस के हरे पत्तों का ख़ूब उपयोग होता है। हरे प्याज की चटनी, पकौड़ी और कई प्रकार के व्यंजन  के रूप में इस का ज़्यादा उपयोग किया जाता है। याद रखें, हरे प्याज में विटामिन-के अधिक मात्रा में होता है जो शरीर में कोमाडिन की मात्रा को बढ़ा देता है। इस कारण रक्त पतला हो जाता है। ऐसे में चोट लगने या दुर्घटना होने पर अत्यधिक रक्तस्राव होगा और स्थिति नाजुक हो सकती है। 
         ६. ज़्यादा प्याज खानेवाले को कब्जियत, गैस, एसिडिटी और बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। हालाँकि प्‍याज का उपयोग पेट के कई रोगों के उपचार में किया जाता है लेकिन प्‍याज के अत्‍यधिक सेवन से गैस्ट्रिक, पेट में जलन, उल्टी और मतली की समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है। अगर कब्जियत, गैस, एसिडिटी और बवासीर जैसी समस्या है तो प्याज छोड़ दें, बहुत लाभ होगा। फैक्ट जानिये कि अधिक प्याज खाने से शरीर में फाइबर की मात्रा बढ़ जाती है जिस की वजह से खाने को पचाने में दिक्कत होती है और पेट साफ़ नहीं हो पाता, कब्ज हो जाता है। इस के साथ ही पेट में दर्द की शिकायत होती है।
         ७. आप ने सुना होगा या आस-पड़ोस में देखा होगा कि जो मीठा भोजन का शौक़ीन नहीं है, वह भी मधुमेह का शिकार हो गया। जो बहुत शारीरिक परिश्रम करता है, उसे भी डायबिटीज हो जाता है। इस का प्रमुख कारण है प्याज। प्याज में ग्लूकोज और फ्रेक्टोज बड़ी मात्रा में पाये जाते हैं जो शरीर में तेजी से शर्करा यानी शुगर की मात्रा को बढ़ाते हैं। यही कारण है कि प्याज खानेवाले मधुमेह यानी डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं जिस के चलते कई अन्य तरह के रोग होने लगते हैं। अगर डायबिटीज ने पकड़ लिया तो प्याज को छोड़ दीजिये, अच्छा महसूस करेंगे और डायबिटीज की दवा अगर ले रहे हैं तो उस की मात्रा घटती जायेगी।
       ८. अगर आप प्याज के प्रेमी हैं तो प्याज न खानेवालों की अपेक्षा आप का पाचन तन्त्र निश्चित रूप से कमजोर होगा। कभी भोजन न पचने की शिकायत होगी, कभी खट्टी डकार आयेगी, कभी बिना खाये हुए भी पेट भरा हुआ महसूस होगा। अगर ऐसा हो रहा है तो समझिये कि प्याज की प्रतिक्रिया आप पर हो रही है।    
         ९. अगर आप ने कच्चे प्याज का सेवन किया है तो आप की साँसों में बहुत देर तक बदबू रहती है, जो सल्‍फर की अधिक मात्रा के कारण होता है। बाद में यह दाँतों की बदबू में बदल जाता है। अधिक प्याज खाने से दाँत और मसूढ़े कमजोर हो जाते हैं।
        १०. प्याज का सब से बड़ा कुप्रभाव जीभ पर पड़ता है। प्याज में ऐसे तत्त्व पाये जाते हैं जो जीभ की वास्तविक स्वाद क्षमता को कम कर देते हैं। ऐसे में प्याज खानेवाले ज़रूरत से ज़्यादा तेज स्वाद ग्रहण करने लगते हैं जो बाद में अन्य कई रोगों का कारण बनता है।   
         ११. गर्भवती महिलाओं को अधिक प्याज खाने से बचना चाहिये। इस से  गर्भस्थ शिशु के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है। साथ ही खट्टी डकार, पेट या सीने में जलन और भोजन पचने की समस्या हो सकती है। इसी तरह स्तनपान करानेवाली महिलाएँ अधिक प्याज खायेंगी तो बच्चे को पेट दर्द, उल्टी या अन्य समस्या हो सकती है। बेहतर होगा कि गर्भवती और स्तनपान करानेवाली महिलाएँ प्याज न खाएँ। 
         १२. प्याज रक्तचाप को कम करता है, इसलिए निम्न रक्तचाप यानी लो ब्लडप्रेशर की समस्या है तो प्याज आप के लिए जहर है। प्याज खाते रहनेवाले का लो ब्लडप्रेशर कभी ठीक नहीं हो सकता।
         १३. ह्रदय रोगों से पीड़ित लोग के लिए प्याज हानिकारक प्रभाव पैदा करता है। ऐसी स्थिति में प्याज का सेवन नहीं करना चाहिये।
         १४. किसी तरह की शल्यक्रिया यानी ऑपरेशन कराये हैं तो प्याज आप के लिए हानिकारक है। 
       १५. प्याज से एलर्जी होनेवाले लोग को एस्पिरिन की दवाएँ और प्याज नहीं लेना चाहिये; क्योंकि इस से प्याज की संवेदनशीलता बढ़ जाती है। 
         १६. प्याज का सेवन करते समय किसी लिथियम की दवाएँ लेने से पहले चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
        १७. जब हम प्याज काटते हैं तो आँखों से आँसू निकलते हैं। प्याज में गन्धक यानी सल्फर की अत्यधिक मात्रा पाये जाने के कारण ऐसा होता है। सल्फर डाइऑक्साइड एक ऐसा तत्त्व है जो वायु प्रदूषण का कारण होता है और इस से आँखों में एलर्जी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। प्याज का सल्फर डाइऑक्साइड ही पाचन तन्त्र को खराब कर देता है और गैस्ट्रिक उत्पन्न करता है। 
         १८. अब मैं बता रहा हूँ कि प्याज का सब से खतरनाक असर क्या होता है। अगर प्याज ज़्यादा खायी जाय तो पेट में सल्फर सीमेंट की परत की तरह जमा हो जाता है। सल्फर डाइऑक्साइड शरीर में घुलकर यानी डिजॉल्व होकर सल्फ्यूरिक एसिड बनाता है जो रक्त नलिकाओं यानी नस को संकुचित और कड़ा बना देता है और सामान्य रक्त प्रवाह को बाधित करता है। कालांतर में यह स्थिति हृदयाघात अर्थात् हर्ट अटैक का कारण बनता है। इसलिए प्याज को भोजन से निकाल दें या अत्यन्त कम मात्रा में प्याज खाएँ। 
       १९. बहुत कम मात्रा में ही प्याज ग्रहण करना चाहिये जिसे शरीर पचा सकता है। सब्जी में, सलाद में, मांसाहार में जब ताबड़तोड़ प्याज खाते हैं तो प्याज की लुग्दी शरीर में जमा हो जाती है जिस से सामान्य भोजन करते रहने के बावजूद कमजोरी होने लगती है। 
         २०. जो प्याज खाने के आदि हैं, उन की मानसिक स्थिति पर प्रतिकूल असर पड़ता है। प्याज अगर पच भी जाये तो भी यह स्मरण शक्ति को कम कर देता है। प्याज खाने से सोचने की क्षमता भी कम हो जाती है। प्याज खानेवाले लोग सोचते तो हैं मगर किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले ही उन्हें गुस्सा आ जाता है, उत्तेजना अधिक बढ़ जाती है। ऐसे लोग गलत काम कर जाते हैं। अगर आप के साथ ऐसा हो रहा है तो आज से ही प्याज को तिलांजलि दे दीजिये। 
         जब इतनी हानि है तो प्याज क्यों खाते हैं? कमेन्ट बॉक्स में ज़रूर लिखिये। अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखिये।

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