--शीतांशु कुमार सहाय
चारा घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के लिए पटना उच्च न्यायालय मे याचिका दायर करने वालो मे से एक श्री मोदी ने रविवार 6 अक्टूबर 2013 को पटना मे संवाददाता सम्मेलन मे कहा कि श्री नीतीश कुमार ने 1995 के विधानसभा चुनाव के समय चारा घोटाले के मुख्य अभियुक्त श्याम बिहारी सिन्हा से चुनाव खर्च के लिये एक करोड़ रूपया लिया था। इसी तरह श्री तिवारी ने भी इस दौरान चारा घोटाले के आरोपियो से कई बार लाखो रूपये लिये थे। मोदी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को घोटाले में शामिल अधिकारी के सेवा विस्तार के लिए सिफारिशी पत्र लिखने के आधार पर चार साल की सजा हो गई। वहीं अभियुक्त श्याम बिहारी सिन्हा द्वारा दिए गए 161 और 164 के बयान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू सांसद शिवानंद तिवारी का भी नाम आया है, लेकिन सीबीआइ ने इनसे न तो कोई पूछताछ की और ना ही इनके खिलाफ कोई मामला दर्ज किया। इस संबंध में उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका दायर की गई है। सीबीआइ को 22 को न्यायालय में अपना जवाब दाखिल करना है। मोदी ने कहा कि यदि सीबीआइ मामले की निष्पक्ष जांच करे और अपनी रपट दे तो मामले के अन्य दोषियों को भी सजा हो सकती है।
भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी---
नीतीश कुमार तक चारा घोटाले की आंच पहुंचाने में भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत लगा दी है। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने चारा घोटाला मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड के सांसद शिवानंद तिवारी पर मुकदमा चलाने की मांग की है। रविवार 6 अक्टूबर 2013 को बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने एक के बाद एक चार ट्वीट किए और बताने की कोशिश की कि चारा घोटाले में केवल पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ही नहीं, वर्तमान सीएम नीतीश के हाथ भी रंगे हुए हैं। नीतीश कुमार के साथ ही जेडीयू नेता शिवानंद तिवारी का नाम भी साफ-साफ अंडरलाइन किया गया है। रविवार को सुशील मोदी ने चार पेज शेयर करते हुए बताया कि ये इकबालिया बयान चारा घोटाले के सूत्रधार श्याम बिहारी सिन्हा का है जिससे साफ होता है कि नीतीश कुमार को एक करोड़ रुपये पहुंचाए गए थे। बता दें कि श्याम बिहारी सिन्हा का निधन हो चुका है।
सुशील मोदी के डॉक्यूमेंट---
जो डॉक्यूमेंट सुशील मोदी ने शेयर किया है उसके मुताबिक श्याम बिहारी सिन्हा ने अपने बयान में कहा है- 'उमेश सिंह ने दिल्ली में मुझसे संपर्क किया और बताया कि मार्च 1995 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश जी ने कुछ पैसा मांगा है। उमेश ने बताया कि एक करोड़ रुपये की मांग आई है। मैं रांची लौटा और बाकी के कमेटी मेंबर्स के साथ इस मसले पर बात की। कमेटी को लगा कि 1995 के चुनावों में समता पार्टी एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरने वाली है। तभी नीतीश कुमार समता पार्टी के एक मजबूत नेता के तौर पर उभर रहे थे। कमेटी ने श्री नीतीश कुमार को एक करोड़ रुपये देने का निर्णय लिया। कमेटी के फैसले के बाद मैं फिर दिल्ली लौटा और विजय कुमार मलिक से कहा कि वह उमेश सिंह को एक करोड़ रुपया दे दे, ताकि वह नीतीश कुमार को दिया जा सके। (यहां जहां नीतीश कुमार लिखा है, वहां नीतीश की जगह कुछ और नाम था, जिसे बाद में पेन से काटकर नीतीश किया गया है।) यह नवंबर या दिसंबर की बात है कि विजय मलिक ने उमेश सिंह को नई दिल्ली में एक करोड़ रुपये दे दिए। जब मैं अपनी तीसरी ट्रिप के दौरान दिल्ली में था, तब श्री नीतीश कुमार ने टेलीफोन से पुष्टि की कि उमेश सिंह आए थे और उनके मिले थे...
बयान में नीतीश और शिवानंद के भी नाम---
चारा घोटाले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने के लिए पटना उच्च न्यायालय मे याचिका दायर करने वालो मे से एक श्री मोदी ने रविवार 6 अक्टूबर 2013 को पटना मे संवाददाता सम्मेलन मे कहा कि श्री नीतीश कुमार ने 1995 के विधानसभा चुनाव के समय चारा घोटाले के मुख्य अभियुक्त श्याम बिहारी सिन्हा से चुनाव खर्च के लिये एक करोड़ रूपया लिया था। इसी तरह श्री तिवारी ने भी इस दौरान चारा घोटाले के आरोपियो से कई बार लाखो रूपये लिये थे। मोदी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को घोटाले में शामिल अधिकारी के सेवा विस्तार के लिए सिफारिशी पत्र लिखने के आधार पर चार साल की सजा हो गई। वहीं अभियुक्त श्याम बिहारी सिन्हा द्वारा दिए गए 161 और 164 के बयान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू सांसद शिवानंद तिवारी का भी नाम आया है, लेकिन सीबीआइ ने इनसे न तो कोई पूछताछ की और ना ही इनके खिलाफ कोई मामला दर्ज किया। इस संबंध में उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका दायर की गई है। सीबीआइ को 22 को न्यायालय में अपना जवाब दाखिल करना है। मोदी ने कहा कि यदि सीबीआइ मामले की निष्पक्ष जांच करे और अपनी रपट दे तो मामले के अन्य दोषियों को भी सजा हो सकती है।
विशेष अदालत ने सजा सुनाई---
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, जदयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डा जगन्नाथ मिश्रा, जदयू सांसद जगदीश शर्मा, राजद के पूर्व सांसद डा. आरके राणा और भाजपा नेता ध्रव भगत समेत 37 लोगो को चारा घोटाले के मामले 20 ए/ 96 मे 03 अक्टूबर को रांची की विशेष अदालत ने सजा सुनाई है।
शिवानंद तिवारी के घर में जाकर उसे पैसे सौंप दिए---
इसी बयान में शिवानंद तिवारी का जिक्र भी हुआ है। श्याम बिहारी सिन्हा ने बयान में कहा- 'नवंबर 1994 में मैं दिल्ली में था। तब उमेश सिंह मेरे पास आए और मुझे शिवानंद तिवारी के पास ले गए, जो करोलबाग के होटल खिला हाउस में ठहरे हुए थे। वहां शिवानंद तिवारी ने 50 लाख रुपये की मांग की।' उसके बाद तय किया गया कि तिवारी को 40 लाख रुपये दिए जाएंगे। बयान में है- 'त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ने मुझे 40 लाख रुपये शिवानंद तिवारी को देने का निर्देश दिया। नवंबर 1994 में ही यह रकम अदा की गई। त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ने बाद में कन्फर्म किया कि उसने 30 से 35 लाख रुपये शिवानंद तक पहुंचाने के लिए उमेश सिंह को दिए...' इन्हीं डॉक्यूमेंट्स में उमेश सिंह का बयान भी है। उमेश ने बयान में कहा- '...शिवानंद तिवारी नरम नहीं पड़े। फिर वे चले गए। बाद में उसी दिन, श्याम बिहारी सिन्हा के कहने पर विजय मलिक के भाई ने चार लाख रुपये शिवानंद तिवारी को देने के लिए मरीन होटल में मुझे सौंपे, मैं पटना लौटा और शिवानंद तिवारी के घर में जाकर उसे पैसे सौंप दिए।'
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