बुधवार, 29 अप्रैल 2020

लॉकडाउन के बीच दूसरे राज्यों में फँसे लोग इन शर्त्तों के साथ जा सकेंगे गृह राज्य
People Stranded in Other States will be Able to go Home With These Conditions Under Lockdown

         पूरे विश्व में इस समय सिर्फ़ एक ही परेशानी है और वह है नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से फैले कोविड-१९ के प्रसार को रोकना। २०५ देश इस से पीड़ित हैं और अधिकतर देशों में लॉकडाउन जारी है। भारत में भी लॉकडाउन की अवधि चल रही है। 
        देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लॉकडाउन लागू किया गया है। लॉकडाउन के चलते यातायात पर रोक और सार्वजनिक यातायात की सेवाएँ बन्द होने से कई प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक और छात्र जहाँ थे, वहीं फँसे रह गये।
         भारत में कई राज्यों से मजदूरों का पलायन भी देखा गया। कई मजदूर पैदल ही अपने घर की तरफ एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए निकल गये थे। तब केंद्र सरकार से कई राज्यों ने प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों को वापस अपने राज्य लाने की अपील की थी। ऐसे में भारत सरकार ने राज्यों व केन्द्र शासित राज्यों के क्षेत्रों में फँसे हुए लोग को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा के लिए आदेश जारी किया है। 
         केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार, २९ अप्रैल २०२० को जो नया आदेश दिया, उन की विशेष बातें हैं-

  • सभी राज्‍य सरकार अपने यहाँ लोग को वापस बुलाने और उन्‍हें भेजने के लिए नोडल प्राधिकरण और नियम बनाएँ। नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। नोडल प्राधिकरण अपने राज्‍यों में फँसे लोग का जो गृह राज्य जाना चाहते हैं, उन का पंजीकरण करेंगी। 
  • भेजने वाले राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश और जिस राज्य या केन्द्र शासित प्रदेश में वह समूह जा रहा है, दोनों राज्य सरकारें आपसी सहमति के साथ सड़क के जरिये ही लोग को भेज सकते हैं।
  • जो लोग जाना चाहेंगे, उन की पंजीकरण के बाद स्वास्थ्य की जाँच की जायेगी। अगर उन में कोविड-१९ के कोई लक्षण नहीं होंगे तो उन्हें जाने की अनुमति होगी।
  • जाने के लिए केवल बसों का उपयोग किया जा सकेगा। बसों को सेनेटाइजेशन करने के बाद उस में सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोग को बैठाया जायेगा।
  • कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा और उन्हें गुजरने की अनुमति देगा।
  • गन्तव्य पर पहुँचने के बाद आये हुए लोग की पुनः स्वास्थ्य की जाँच की जायेगी। बाहर से आये लोग को अपने गाँव-मोहल्ले में घूमने-फिरने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें सरकार द्वारा बनाये गये क्वॉरेंटाइन केन्द्र में या होम क्वॉरेंटाइन में ही रहना होगा। ज़रूरत पड़ी तो उन्हें अस्पतालों या स्वास्थ्य केंद्रों में भी भर्ती किया जा सकता है। उन की समय-समय पर स्वास्थ्य की जाँच होती रहेगी।
  • पंजीकृत लोग जिस राज्य में पहुँचेंगे उस राज्य को भी आनेवाले लोग का ब्योरा रखना होगा।
  • ऐसे लोग को आरोग्य सेतु ऐप को अपने फोन में इनस्टॉल करना होगा; ताकि उन के स्वास्थ्य पर नज़र रखी जा सके।

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