-शीतांशु कुमार सहाय
रसीला और मीठा फल है तरबूज। इस के लाल गुदे बड़े ही लाभदायक और स्वादिष्ट होते हैं। तरबूज में जल की मात्री अत्यधिक होती है। यही कारण है कि गर्मी में इसे खाने से शरीर में जल की कमी पूरी होती है और पेट ठंडा रहता है। यह कई प्रकार से लाभप्रद है। तरबूज खाना कई बीमारियों में भी बहुत फायदेमंद होता है। तरबूज दो प्रकार के होते हैं। एक चित्तिदार हरे रंग का लम्बवत गोलाकार होता है और दूसरा पूरी तरह गोल और गाढ़े हरे रंग का होता है। अभी आप जानेंगे कि तरबूज कब और क्यों खाना चाहिये, इसे कब नहीं खाना चाहिये, किस व्यक्ति को तरबूज नहीं ग्रहण करना चाहिये, इस के बीज में क्या गुण हैं, तरबूज खाने से क्या-क्या फायदे हैं? इस में कौन-कौन पोषक तत्त्व कितनी मात्रा में पाये जाते हैं? ये सारी जानकारी अभी तुरन्त प्राप्त कीजिये.....
तरबूज के फायदे वाला वीडियो नीचे के लिंक पर देखें :
गर्मी के दिनों में शरीर में जल की कमी से निबटने के लिए यह बढ़िया विकल्प है। तरबूज में जल की मात्रा सभी फलों से अधिक होती है। इसलिए इसे खाने पर आप के शरीर में जल की पर्याप्त आपूर्ति होती है। तरबूज मस्तिष्क को भी ठण्डा रखता है। तरबूज की तासिर ठण्डी मानी जाती है और इसे खाने से भूख और दिमाग दोनों शान्त रहते हैं। दिमाग के शान्त रहने से गुस्सा कम आता है। ...तो क्रोध में मत आइये, मैं सब से पहले आप को तरबूज के पोषक तत्त्वों के बारे में बता रहा हूँ।
100 ग्राम तरबूज में पोषक तत्त्वों की मात्रा जानिये-
- कैलोरी - 30
- कुल वसा यानी फैट - 0.2 ग्राम
- सेचुरेटेड फैट - 0
- पॉलीअनसेचुरेटेड फैट - 0.1 ग्राम
- मोनोअनसेचुरेटेड फैट - 0
- कोलेस्ट्रॉल - 0
- सोडियम - 1 मिलीब्राम
- पोटैशियम - 112 मिलीब्राम
- कार्बोहाइड्रेट - 8 ग्राम
- डाइटरी फाइबर - 0.4 ग्राम
- सुगर - 6 ग्राम
- प्रोटीन - 0.6 ग्राम
- विटामिन ए - 11 प्रतिशत
- विटामिन सी - 13 प्रतिशत
- मैग्नीशियम - 2 प्रतिशत
- आयरन - 1 प्रतिशत
अगर पथरी यानी स्टोन की समस्या है तो ज़रूर तरबूज खाइये। अगर वृक्क यानी किडनी या किसी अन्य अंग में स्टोन है तो तरबूज खूब खाना चाहिये। तरबूज में जल की अधिकता होती है और यह किडनी को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। मतलब यह कि तरबूज का जल दोनों वृक्कों की सफाई करता है। इसलिए इसे खाना फायदेमंद है।
आजकल शरीर का वज़न बढ़ना आम बात है। वज़न बढ़ गया है तो घबराइये नहीं, वज़न कम करने के लिए प्रतिदिन तरबूज का सेवन कीजिये। मोटापा घटाने का बेहतरीन विकल्प है तरबूज। इसे खाने पर पेट भी जल्दी भरता है और शरीर में वसा यानी फैट का संग्रह भी नहीं होता। इसलिए वेट लॉस डाइट में तरबूज को ज़रूर शामिल कीजिये। तरबूज में बहुत कम कैलोरी होती है जिस के बारे में आप पहले जान चुके हैं। तरबूज बहुत लंबे समय तक पेट को भरा हुआ महसूस कराता है। ऐसे में आप देर तक कुछ और नहीं खायेंगे और मोटापे से बचे रहेंगे।
तरबूज इम्यून यानी रोग प्रतिरोधी क्षमता मज़बूत करता है। तरबूज में विटामिन-ए और विटामिन-सी भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं जो आप की रोग प्रतिरोधक क्षमता में इज़ाफ़ा करता है।
विटामिन-ए और विटामिन-सी का अच्छा स्रोत होने के कारण तरबूज आँखों के लिए वरदान साबित होता है। ये दोनों विटामिन शरीर को पोषण देते हैं और चुस्त-दुरुस्त रखते हैं।
तरबूज के नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। यह पेट को साफ़ करने में सहायक है। तरबूज को काला नमक और काली मिर्च के साथ खाने पर अपच की समस्या दूर होती है और पाचन तंत्र बेहतर कार्य करता है।
अगर एनीमिया है, शरीर में खून की कमी है तो तरबूज का ज़्यादा सेवन करना चाहिये। इस में पाये जानेवाले पोषक तत्त्व शरीर में नये रक्त के निर्माण में सहायक होते हैं।
त्वचा की चमक को बरकरार रखने के लिए तरबूज का सेवन वरदान है। इस में लाइकोपिन पाया जाता है जो त्वचा में ताजगी और नमी बनाये रखने के साथ ही सुन्दरता को बढ़ाने में भी मददगार है। तरबूज का लाइकोपिन त्वचा को झुर्रियों से बचाने में भी कारगर है। तरबूज के टुकड़े को त्वचा पर रगड़ने से त्वचा की बेहतर सफाई होती है। तरबूज को चेहरे पर रगड़ने से निखार आता है और काले धब्बे भी खत्म हो जाते हैं।
तरबूज में मौज़ूद लाइकोपिन कैंसर कोशिकाओं को समाप्त कर इस गंभीर बीमारी से आप की रक्षा करता है।
अगर आप उच्च रक्तचाप के मरीज हैं तो आप को तरबूज अवश्य खाना चाहिये। यह हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए अत्यन्त लाभदायक है। तरबूज में बहुत कम मात्रा में सोडियम होता है और ये ठंडा भी होता है जो रक्त परिसंचरण को ठीक करता है।
हृदय को स्वस्थ रखने में तरबूज मददगार है। यह कोलस्ट्रॉल के लेवल को नियन्त्रित करता है जिस से हृदय से सम्बन्धित बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
तरबूज खाते समय अधिकतर लोग इस के बीजों को फेंक देते हैं। पर तरबूज के बीज वास्तव में गुणों की खान हैं। इस से आप को बहुत से फायदे मिलते हैं।
तरबूज के बीजों को पीसकर चेहरे पर लगाने से निखार आता है। त्वचा चमक उठती है। इस का लेप सिर दर्द में आराम पहुँचाता है।
तरबूज के बीजों को चबाकर ग्रहण करने से थकान दूर होती है। बीजों में मौजूद एल सीट्रूलाइन नामक एक एमिनो एसिड होती है जो थकान को दूर करता है।
तरबूज के बीजों के सेवन से कार्य करने की क्षमता बढ़ती है। इन से आयरन प्राप्त होता है और यही आयरन शरीर में कैलोरी को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है और खून की कमी को दूर करता है।
अगर आप अपने हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो भी आप को तरबूज के बीज कभी नहीं फेंकने चाहिये। इन बीजों में मोनोअनसेचुरैटिड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड पाये जाते हैं जिन के कारण दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना काफी हद तक कम हो जाती है। इन बीजों से पोटेशियम भी अच्छी मात्रा में प्राप्त होता है और यही पोटेशियम हृदय को स्वस्थ रखने में सहयोगी है।
तरबूज के बीजों को खाने से मोटापा कम करने में मदद मिलती है। इस में सिट्रलाइन नामक कपांउड पाया जाता है, जिस के कारण शरीर में पहले से जमा वसा घट सकता है।
अब जानते हैं कि किस व्यक्ति को और कब-कब तरबूज नहीं खाना चाहिये।
वैसे लोग को तरबूज नहीं खाना चाहिये जिन्हें अस्थमा या एलर्जी की समस्या हो; क्योंकि इस की तासिर ठण्डी होती है और यह साँस की नली में सूजन पैदा कर सकता है। साथ ही इस से छींक की समस्या भी बढ़ सकती है। अगर सर्दी या खाँसी है तो भी तरबूज न खाएँ।
वैसे लोग को तरबूज नहीं खाना चाहिये जिन्हें अस्थमा या एलर्जी की समस्या हो; क्योंकि इस की तासिर ठण्डी होती है और यह साँस की नली में सूजन पैदा कर सकता है। साथ ही इस से छींक की समस्या भी बढ़ सकती है। अगर सर्दी या खाँसी है तो भी तरबूज न खाएँ।
- अगर आप ने भात या दही का सेवन किया है तो तरबूज से दूर रहें। भात या दही के बाद तरबूज खाने से हानि होती है।
- खाली पेट में या सुबह उठकर प्रथम आहार के रूप में तरबूज न खायें। ऐसा करने से उल्टी या पेट की अन्य तकलीफें हो सकती हैं। तरबूज खाने के बाद जल न पीयें। इस कारण उल्टी हो सकती है। मुँह साफ़ करने के लिए आप केवल कुल्ला करें।
- शाम या रात में तरबूज नहीं खाना चाहिये। इस कारण कफ बढ़ सकता है या दूसरी परेशानी हो सकती है।
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